Vartika Tiwari  
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कर्तव्यनिष्ट सी वो चली डगर डगर अपने हुनर को फैलने कभी इस गली तो कभी उस नगर।।
Joined 18 September 2017


कर्तव्यनिष्ट सी वो चली डगर डगर अपने हुनर को फैलने कभी इस गली तो कभी उस नगर।।
Joined 18 September 2017
9 SEP 2021 AT 23:47

वक्त कुछ तुम गुज़ार lo
कुछ वक्त खुद कट जाएगा
आज जो साथ है हम तुम्हारे
कल सुबह ये साथ धुंधला जाएगा
दर्द को दिल मे दबा है
सुबह फिर उमड़ आएगा
निश्चिंत हो तू सब्र कर
ये चेहरा तेरी नज़रों से ओझल हो जाएगा
तू फिर जिएगा
फिर हंसेगा
जिंदगी खिल जाएगी
आज साथ जो दर्द मिला है
कल खुशी मिल जाएगी
खो जाएंगे हम कुछ इस तरह
की साया भी न तुझपर हमारा पड़ पाएगा
जो बदकिस्मती लाए हम तुम तक
वो फिर कही गुम हो जाएगी
तू सब्र कर
निश्चिंत रहे
तेरा सवेरा ये चेहरा तुझे फिर लौटाएगा।।

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23 JUL 2021 AT 15:20

आज देख आंखे भर आई
जब छोटे छोटे पैरो को कांटो से चुभता देखा है
अजब गजब है महिमा तेरी
इन नन्हें पैरों ने जो सब कुछ अब तक देखा है
कहां गया विशाल हृदय वो तेरा
जिसकी हम महिमा गाते है
यूं तेरे बारे में इतना कुछ सबको बतलाते है
अरे इन छोटे बच्चों ने तो बस अभी ही चलना सीखा है
क्या गुनाह क्या गलती होगी भला उनकी
जिसने अभी ही बोलना सीखा है
इतने भोले सीधे से है वो क्या बुरा किसी का कर पाए
न समझ न अक्ल है उनमें क्या सही क्या गलत कहां समझ में आए
अरे अजब गजब है लीला तेरी
जो इनको इतने कष्ट सहाए
कहां धन दौलत गाड़ी और बग्गी
कहां न पैरों में जूता है।।

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13 MAY 2021 AT 14:10

आज यूं अचानक मन भर सा रहा है
लोगों से मन डर सा रहा है
सोचती हूं कितना अजीब और उलझा सा है सब
कहता कुछ है और कर कुछ रहा है
ज़रूरी नहीं रास्ते आसान हो माना हमने
मगर रास्ता है तो चलने से क्यू डर सा रहा है
एक देहक सी है आज उस सन्नाटे में
जिससे यह मन डर सा रहा है
आज न जाने क्यू मन भर सा रहा है..

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3 MAY 2021 AT 23:20

उसके प्रतिबिंब को अपने प्रतिबिंब में सहेंज रखा है मेने
कड़ी धूप में भी हर क्षण साथ बिताते है हम

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3 MAY 2021 AT 23:16

ये दूरियां तेरी नजदीकियां याद दिलाती है
इस दिल की बात समझ
मुझे हर पल तेरी याद आती है

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29 APR 2021 AT 23:51

मैं और तुम की लड़ाई में
हम बिछड़ गए...

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23 APR 2021 AT 12:18

तेरे मधुयुक्त सब्दो ने मुझे बांध रखा है
तेरा साथ जैसे एक अदभुद आनंद का श्रोत है
तेरा हर दुःख कष्ट या खुशी सब में सम्मलित होने को मन चाहता है
यह प्रेम ही तो जिसने हमें तुम संघ बांध रखा है
अन्यथा क्या अर्थ है उस डोर में जो हर क्षण तनाव भरे समय से निकल रही है
और फिर भी हम साथ
अन्यथा तो हमने क्या ही पाया है
न उन्हें ही पूर्णतः पा सके और स्वयं को भी खो दिया।।

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27 MAR 2021 AT 19:50

Are u ok?
No, I am not
I am hurt as much as I have never been,
I am hurt as much as I can never be,
I cried a lot before,
Bt now I cry with a smile on me,
I am broken to the end that I can never be me,
I am meaningless just living without any mean,
I am confused what I could be,
I forgot myself completely In the search of that one peace...

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13 MAR 2021 AT 23:43

क्या जलील करेगा हमें अब ये ज़माना
तुमने ख़ुद हमारे इश्क़ को सरेआम बेआबरू कर दिया।।।

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13 MAR 2021 AT 12:35

पूछते हो कैसे हो तुम?
तो कभी बात हो अगर तुम्हारी खुदा से
तो मेरा हाल पता कर लेना तुम
हम कैसे है ये हमें भी पता करना है।।

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