सिर्फ़ इस दिल का ही कुसूर नहीँ तुझसे उलझने में
इन नज़रों ने भी काफी रंजिशें की हैं...!!!-
कौन कहता है कि फ़ासले हैं हमारे दरमियाँ,
तेरा अक़्सर मेरे ख़्वाबों में आना नज़दीकियां बयां कर जाता है...!!
रिश्ते में कौन झुकता है ये मायने नहीं रखता,
तेरा इस बात को समझ जाना ही हमारे रिश्ते को बेमिसाल बना जाता है...!!!
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अक्सर देर हो जाती है,
तुझसे कोई बात कहनी हो,या तुझे कुछ बताना हो...
तुझे समझने में,तुझे समझाने में...
अक्सर देर हो जाती है,
तुझसे किये वादे को निभाने में,तेरी दी हुई क़समों को बचाने में...
तेरी नाराज़गी को दूर करने में,
तेरी ख़ामोशियों को तोड़ने में...
अक्सर देर हो जाती है,
मैंने हर मुमक़िन कोशिश की है तुझे खुश रखने की...
पर,
अक्सर देर हो जाती है,
मुझे मोहब्बत भी बेहिसाब है तुझसे,
बेहद है...
ये बताने में,
अक्सर देर हो जाती है,
तू समझता है न मुझे,
थोड़ी नादान हूँ मैं...
इसीलिए अक़्सर देर हो जाती है...!!!
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उलझी रहती हूँ तुझमें ही,
इक सुकूं सा है इस उलझन में...
सुलझाउँ मैं क्यूँ इस उलझन को,
इस उलझन में भी तू सिर्फ़ मेरा है...!!-
मुझे तेरे ख़्यालों से फ़ुरसत नहीँ,
और तुझे ख़ौफ़ है कि,
कहीं मैं किसी और का ख़्याल न बन जाऊं...!!
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मैंने ख़ुद को पूरा खर्च कर दिया तुझ पर,
अब मुझमें मुझसे कुछ भी नहीं....
ज़िन्दगी अब बस तेरी बाहों में बीते,
अकेले गुज़ारा मुमक़िन नहीं....!!!!-
मुझे नापतोल के इश्क़ करना नहीं आता,
पर जितना भी करती हूँ बेहिसाब करती हूँ...!!-
थामें रहना मेरा हाथ,मैं लड़खड़ाती बहुत हूँ।
पूछते रहना हाल मेरा, मैं बताती नहीँ हूँ।
जानते हो न,
कितना कुछ कहना है,कभी फुर्सत मिले तो पूछ लेना,
मैं छिपाती बहुत हूँ।
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