अधूरा प्यार
आज फ़िर उसकी यादों ने मुझे रुला दिया,
बे मतलब की बातों ने मुझसे गिला किया...
कहा था तुमसे प्यार बेशुमार करता हूं,
प्यार तो छोड़ो, कुछ पल भी न मुझे दिया...
प्यार के नाम पे मुझे तड़पाया गया,
इन लबों पे हँसी न कभी आने दिया...
दावा करता था साथ रहने का, ख़ुद
उसके भाई ने हमारा रिश्ता तोड़ दिया...
न बोल पाया वो कुछ हमारे साथ रहने के लिए,
सबके हां मैं हां मिला के, मुझे बीच रास्ते में ही छोड़ दिया ।।
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इजहार-ए-इश्क
इजहार-ए-इश्क ना करते हम,
यू बेवजह ना तुम पर मरते हम…
कुछ तो है जो तुम पर जान लुटा दी,
वरना यू दीदारको ना तरसते हम…
कुछ अनकहे जज्बात है मुझमें,
उसे कहने को ना तरसते हम…
जिक्र ना लबो से कर पाए हम कभी,
सब आंखों से बयाँ करते हैं हम…
मुझे चांद तारों की ख्वाहिश नहीं,
ना दुनिया की भीड़ में कभी खोए हम…
एक तुझे ही पाने की खातिर,
सारे जग से पीछा छोड़े हम…
तू मत निकलना कभी मतलबी,
तेरा साथ अब कभी ना छोड़े हम…
प्यार है तो सिर्फ मुझसे प्यार कर,
दुनिया से कभी ना डरते हम…
बेफिक्र हो जाएं इस दुनिया से,
अब ये हाथ कभी ना छोड़े हम…
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एक याद के सहारे अब जीना है हमें,
ये तजुर्बा भी अब करना है हमें ।
इश्क़ की गलियों में रहकर भी देखा,
अब लगता हैं जीतेजी मरना है हमें ।
रह ना सकते थे जिनके बिना एक पल,
अब ये दूरियां भी उनसे सहना है हमें ।
शिकवा नहीं है ना शिकायत है कोई,
तेरे बिना जिंदगी अब ना जीना है हमें ।
तेरे बिना जिंदगी आसान नहीं लगती,
तुझसे अब कभी न बिछड़ ना है हमें।
तू लौट आ कहीं से मेरे पास फ़िर से,
अब जीते जी लाश नही बनना है हमें।
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"पिता"
उंगली थाम के चलना सिखाते हैं,
खुद धूप में रहकर हमे छांव दिलाते हैं...
अगर कभी हो जाएं खुद बीमार,
फ़िर भी हस्ते मुँह काम पे जाते है...
घर का चूल्हा कभी बुजने नहीं देते,
बच्चे भूखे न रहे दिन-रात एक करते है...
घर का साया उन्हीं से है,
उन बिन न कोई और सहारा हैं...
कहने को तो बहुत कुछ है,
लेकिन मेरी दुनियां ही मेरे पापा हैं...
जब वो थे तब कोई गम नहीं था,
आज पापा नहीं तो हर गम का हल नहीं है...
याद करती हूँ ख़ुद से ज़्यादा आपको पापा,
मेरी जिंदगी में आपकी जगह पर कोई नहीं है...
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अगर तू होता तो ना रोते हम, ये दर्द-ए-दिल ना सहते हम...
कोई जगह ऐसी नहीं है, जहां तुझे नहीं देखे हम...
तेरे नाम से हर दुआ हैं, इस लिए कभी न बिखरे हम...
तेरे साथ मेरा ये नाम जोड़ दिया, तेरी राह में शामिल हो गए हम...
तुझे ही रब मान लिया, तेरे साथ ये इश्क़ कर गए हम...
ये दुनियां बिन तेरे कुछ नहीं, जो वादा किया वो निभा गए हम...
थे कहने को तुम अपने, मगर अपने नहीं थे...
बिच रास्ते में ऐसे छोड़ा, जैसे मर गए हम...
यक़ीन नहीं था कभी ऐसा भी करोगे तुम,
फ़िर भी मुझे देखो, जिंदगी मज़े से जी रहे हैं हम...
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तुम्हारे बिना ये मौसम ना सुहाना देखा,
उसी में ही मैने मेरा सारा ज़माना देखा ।
बहाने बनाकर तो तुम से बात करते हैं,
बातों के अलावा ना कोई अफसाना देखा ।
तुमसे मुलाक़ात तो सिर्फ़ खयालों में होती हैं,
फ़िर तुम्हारे अलावा कैसे कोई सपना ना देखा ।
तुम ने इतनी बार साँसें न ली,
जितनी बार मैंने दिल मेरा धड़कता देखा ।
तुम्हें देखा है मैंने इस नज़र से ऐसे,
तुम्हारे सिवा इन आँखो ने कुछ और न देखा ।
मन बहुत करता है तुम्हे सिने से लगाने को,
उसके अलावा ना कोई ख़्वाब और देखा ।।
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जब स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है,
तब... दिल से बने,
सोने के रिश्तें भी,
एक पल में बिखर जाते है ।-
किसीको इतना प्यार करने के बाद,
दो दिलों में दूरी कैसे हो सकती हैं?
में बेपनाह चाहती हूँ उसे,
ऐसी क्या उसकी मजबूरी हो सकती हैं?
क्यों जा रहा है वो मुझे छोड़ के,
क्या वजह मेरे प्यार की कमी हो सकती हैं?
कैसे रोकूं में उसे दूर जाने से,
शायद मेरे नसीब में ही दूरी हो सकती हैं?
प्यार बहुत गहरा है हमारा,
फ़िर खुशियां कैसे हमारी अधूरी हो सकती हैं?
वो भी दूर जाना नहीं चाहता होगा,
क्या उसकी ऐसी मजबूरी हो सकती हैं?
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जात
प्यार भरे पल एक पल में टूट गए,
ये जात नजाने किसने बनाई...
दूरियां ख़त्म होने ही वाली थीं, पर..
ये जात मेरा प्यार बर्बाद कर आई...
न रह पाते हैं उनके बिना एक पल,
शायद में ख्वाहिशें बहुत ज़्यादा हूँ लाई...
फिर क्यों किसी ओर जाती के लड़के से,
मैंने उसको ही मेरी दुनिया बनाई...
बहुत सच्चा हैं उसका प्यार मेरे लिए,
फ़िर हमारे बिच में ये जात क्यों आई...
एक जात बीच में आ गई,
और मेरी जिंदगी बर्बाद कर गई...।
_v_p@rm@r
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कैसे भूल जाऊं उसे,
वो सिर्फ़ मेरी यादों में नहीं।
मेरी रग रग में बस्ता है।।-