varshu parmar   (_v_p@rm@r)
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Writen by heart ❤️📝✍️
Joined 20 February 2025


Writen by heart ❤️📝✍️
Joined 20 February 2025
15 JUN AT 12:20

"पिता"

उंगली थाम के चलना सिखाते हैं,
खुद धूप में रहकर हमे छांव दिलाते हैं...

अगर कभी हो जाएं खुद बीमार,
फ़िर भी हस्ते मुँह काम पे जाते है...

घर का चूल्हा कभी बुजने नहीं देते,
बच्चे भूखे न रहे दिन-रात एक करते है...

घर का साया उन्हीं से है,
उन बिन न कोई और सहारा हैं...

कहने को तो बहुत कुछ है,
लेकिन मेरी दुनियां ही मेरे पापा हैं...

जब वो थे तब कोई गम नहीं था,
आज पापा नहीं तो हर गम का हल नहीं है...

याद करती हूँ ख़ुद से ज़्यादा आपको पापा,
मेरी जिंदगी में आपकी जगह पर कोई नहीं है...
_v_p@rm@r

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9 JUN AT 15:24

अगर तू होता तो ना रोते हम, ये दर्द-ए-दिल ना सहते हम...

कोई जगह ऐसी नहीं है, जहां तुझे नहीं देखे हम...

तेरे नाम से हर दुआ हैं, इस लिए कभी न बिखरे हम...

तेरे साथ मेरा ये नाम जोड़ दिया, तेरी राह में शामिल हो गए हम...

तुझे ही रब मान लिया, तेरे साथ ये इश्क़ कर गए हम...

ये दुनियां बिन तेरे कुछ नहीं, जो वादा किया वो निभा गए हम...

थे कहने को तुम अपने, मगर अपने नहीं थे...

बिच रास्ते में ऐसे छोड़ा, जैसे मर गए हम...

यक़ीन नहीं था कभी ऐसा भी करोगे तुम,

फ़िर भी मुझे देखो, जिंदगी मज़े से जी रहे हैं हम...
_v_p@rm@r

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27 MAY AT 15:46

तुम्हारे बिना ये मौसम ना सुहाना देखा,
उसी में ही मैने मेरा सारा ज़माना देखा ।

बहाने बनाकर तो तुम से बात करते हैं,
बातों के अलावा ना कोई अफसाना देखा ।

तुमसे मुलाक़ात तो सिर्फ़ खयालों में होती हैं,
फ़िर तुम्हारे अलावा कैसे कोई सपना ना देखा ।

तुम ने इतनी बार साँसें न ली,
जितनी बार मैंने दिल मेरा धड़कता देखा ।

तुम्हें देखा है मैंने इस नज़र से ऐसे,
तुम्हारे सिवा इन आँखो ने कुछ और न देखा ।

मन बहुत करता है तुम्हे सिने से लगाने को,
उसके अलावा ना कोई ख़्वाब और देखा ।।
_v_p@rm@r

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26 MAY AT 11:04

जब स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है,

तब... दिल से बने,

सोने के रिश्तें भी,

एक पल में बिखर जाते है ।

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23 MAY AT 23:25

किसीको इतना प्यार करने के बाद,
दो दिलों में दूरी कैसे हो सकती हैं?

में बेपनाह चाहती हूँ उसे,
ऐसी क्या उसकी मजबूरी हो सकती हैं?

क्यों जा रहा है वो मुझे छोड़ के,
क्या वजह मेरे प्यार की कमी हो सकती हैं?

कैसे रोकूं में उसे दूर जाने से,
शायद मेरे नसीब में ही दूरी हो सकती हैं?

प्यार बहुत गहरा है हमारा,
फ़िर खुशियां कैसे हमारी अधूरी हो सकती हैं?

वो भी दूर जाना नहीं चाहता होगा,
क्या उसकी ऐसी मजबूरी हो सकती हैं?
_v_p@rm@r

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19 MAY AT 20:15

जात
प्यार भरे पल एक पल में टूट गए,
ये जात नजाने किसने बनाई...

दूरियां ख़त्म होने ही वाली थीं, पर..
ये जात मेरा प्यार बर्बाद कर आई...

न रह पाते हैं उनके बिना एक पल,
शायद में ख्वाहिशें बहुत ज़्यादा हूँ लाई...

फिर क्यों किसी ओर जाती के लड़के से,
मैंने उसको ही मेरी दुनिया बनाई...

बहुत सच्चा हैं उसका प्यार मेरे लिए,
फ़िर हमारे बिच में ये जात क्यों आई...

एक जात बीच में आ गई,
और मेरी जिंदगी बर्बाद कर गई...।
_v_p@rm@r

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17 MAY AT 19:49


कैसे भूल जाऊं उसे,

वो सिर्फ़ मेरी यादों में नहीं।
मेरी रग रग में बस्ता है।।

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16 MAY AT 21:33

तुम मेरा पहला और आखरी प्यार हो,

ना कोई तुम्हारे अलावा चाहिए,
और ना ही कोई तुम्हारे जैसा चाहिए...क्यों की..

तुम मेरी ज़िद...
मेरा जुनून...
मेरी जिंदगी हो...
और मुझे मेरी जिंदगी पूरी चाहिए...

प्यार कुछ साल का ही सही,
पर तुम्हारे जैसा सच्चा होना चाहिए...

तुम्हारे प्यार में ना कोई मिलावट,
और ना ही कोई रुकावट चाहिए...

तुम्हारा प्यार मुझे आधा अधूरा नहीं,
बल्कि पूरा चाहिए...

तुम मेरे मन को तो भा गए,
अब मेरी रुह में उतरना चाहिए...

मुझे मेरी जिंदगी में कुछ भी नहीं,
तुम
सिर्फ़ तुम...
और सिर्फ़ तुम्हीं चाहिए...।।
_v_p@rm@r

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16 MAY AT 13:06



बेचैन मन की एक कहानी,
सुनो एक शायर की ज़ुबानी...

प्यार था उसे बेहद,
पर करता अपनी मनमानी...

किसी और को ना देखने देता,
लाता उनकी अखियों में पानी...

गैरों की बातों में ना आता कभी,
बीच में लाता सिर्फ़ अपनी कहानी...

मिला मुझे वो होकर पराया,
बना दी उसके दिल की रानी...
_v_p@rm@r



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15 MAY AT 22:01

मेरे दिल की सिर्फ़ एक ही ख्वाहिश है,
एक बार उनसे मुलाक़ात हो जाएं ।
देखलू उनको मन भर के,
फ़िर चाहे ये सांस रुक जाएं ।।

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