बहुत दिनों बाद आज फिर से खुद को
वहीं पाया हैं..... भूली-बिसरी यादों ने,
फिर से दिल का दरवाजा खटखटाया हैं,
क्यूं बार-बार लौट आती है वो यादें जिनको
हर बार हमने भुलाना चाहा हैं..!!-
हर व्यक्ति..
अपनी जगह सही होता हैं,
और वास्तविक संघर्ष
सही और ग़लत के बीच ना होकर
सही और सही के बीच ही होता है-
इरादे मेरे
हमेशा साफ़ होते हैं...
इसलिए कई लोग मेरे खिलाफ
होते हैं...-
Itna toh kisi ne tumhe chaha
bhi nhi hoga....
Jitna maine socha h tumhe!!-
"तू हर कदम पर जिंदगी मेरा सब्र आजमा लें
तेरे हर दर्द से, मैं मुस्कान ढूंढ लाऊंगा...,
तू तोड़ दे चाहे टुकड़ों में हजारों मुझको....
मैं हौसला का कल एक नया मकान बनाऊंगा,
तू हर कदम पर जिंदगी मेरा सब्र आजमा लें..
तेरे हर सितम में, मैं अपनी जीत ढुढ़ लाऊंगा।"
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यह सफर-ऐ-ज़िंदगी ....
जो हम अपने गमों से ज्यादा,
तवज्जू अपनी खुशियों को देते..!-
बहुत जरूरी हैं,
जिंदगी में थोड़ा खालीपन भी
क्योंकि यही वह समय है,
जहां हमारी मुलाक़ात
खुद से होती हैं....!-
किसी व्यक्ति से अत्यधिक
लगाव हानिकारक है,
क्योंकि लगाव उम्मीद की ओर
ले जाता है, और
उम्मीद दुःख का कारण बनती है।
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समझने वाले तो खामोशी भी
समझ लेते हैं।
ना समझने वाले जज्बातों का
भी मजाक बना देते हैं!!-