अपना सा अब ये शहर नहीं लगता,
जिन्दगी में कोई अब 'रहबर' नहीं लगता।
एक पल में सब कुछ बिखर सा गया है,
माँ तेरे जाने से अब घर-घर नहीं लगता ।।-
मैं कोई लेखक नही बस एक छोटा सा श्रोता हुँ ,
कभी महफ़िल में तो ... read more
Life me ho khushi ya kitni bhi ho tension,
Tujhse share karta hu one by one.
Don't know ab kya hu mai tere liye but,
You are still my favourite person.
🤗😊-
काश आज मुझे मेरे चाँद की दीद हो जाए,
उनके साथ मेरी भी इस बार मुकम्मल ईद हो जाए।।-
आज का इन्सान...
अपना दर्द सबको दिखता है दुसरों के दर्द से वाक़िफ़ कौन है,
अपने घावों पर बिलख कर रोता है दूसरों के मरने पर भी मौन है।।
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हमसे दूरियाँ बढ़ाने की जद्दोज़हद में हैं,
हमें अब भी बेहद पसन्द हैं पर वो अपनी हद में हैं।
एक अरसे से जो बाँटते आए हर लम्हा साथ में,
अब ताउम्र किसी और के होने की ज़िद में हैं।।-
कुछ तुम समझो कुछ हम खुद को समझाते हैं,
चलो एक दूजे के मन का दर्पण बन जाते हैं।
ज़िन्दगी ने वक्त बेवक्त बहुत दर्द दिए हैं हमें,
चलो एक दूजे के ज़ख़्मों का मरहम बन जाते हैं।।-
मेरे प्यार का हिसाब दे जाना,
हो सके तो मुझे जवाब दे जाना।
हक़ीक़त में मिलना मुनासिब नहीं हमारा,
हो सके तो मुझे कुछ ख़्वाब दे जाना।
ताउम्र तेरी यादों को रखना है संजो कर मुझे,
हो सके तो मुझे एक क़िताब दे जाना।
सुना है उम्मीदें जिन्दा रखती हैं इंसान को,
कुछ नहीं तो झूठी उम्मीदें बेहिसाब दे जाना।।— % &-
वक़्त बेवक्त अक्सर तेरी याद आ जाती है,
आँखों में नमी दिल में एक उदासी सी छा जाती है।
दिल पूछता है क्यों हम गलत बाकी हैं सब सही ,
तू किसी और का हो सकता है पर मेरा क्यों नही ।।
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उसकी बातों में अब वो बात नहीं है,
कहने को है साथ पर साथ नहीं है।
बेचैन रहता था जो बात करने को क़भी,
कहता है करने को अब कोई बात नहीं है।
इंतज़ार वाले वो दिन और रात नहीं हैं,
पहले से अब मेरे हालात नहीं हैं।
उसकी यादों में शामिल हो पाऊँ मैं,
इतनी भी मेरी अब औक़ात नहीं है।।
मुलाकातों में अब वो एहसास नहीं है,
पहले से अब उसके जज़्बात नहीं हैं।
कहते थे जो न छोड़ेंगे साथ कभी,
हक़ीक़त क्या ख्वाबों में भी अब साथ नही हैं।।
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तुझे हासिल नहीं करना,
फ़िर भी तेरे पास होना चाहता हूँ।
मैं तेरा न होकर भी,
तेरे लिए ख़ास होना चाहता हूँ।
तुझ पर हक़ नहीं चाहिए,बस
तेरी यादों पर अधिकार चाहता हूँ।
दिल और दिमाग़ की लड़ाई में,
मैं दिमाग की हार चाहता हूँ।
पूरी ज़िंदगी नहीं चाहिए,बस
कुछ लम्हें तेरे साथ चाहता हूँ।
तेरे होने का एहसास मैं,
हर पल अपने साथ चाहता हूँ।
कोई शिक़वा नहीं तुझसे,बस
अपनी कोशिशों का ज़वाब चाहता हूँ।
सब कुछ हिसाब से लेकिन ,
तुझे मैं बेहिसाब चाहता हूँ।-