राम पर मै क्या लिखूं , राम से ही मेरा नाम है।
राम से ही आज है , राम से ही अभिमान है।
200 वर्ष के धैर्य , विश्वास संग ज़िद पर विजय पताका लहराने पर हार्दिक शुभेच्छा।।-
हर किसी को नहीं मिलता यह हुनर यह किस्मत का वरदान है... read more
2024 Resolution
जीत कर दिखाना है उन्हें,
जो हार का इंतज़ार कर रहे हैं।।-
तू हार गया तो क्या,
उम्मीद अभी बाकी है।
अभी तो सिर्फ अंधेरा हुआ है,
मगर सवेरा अभी बाकी है।।
परिणाम का आज मत सोचना,
जो होगा कल उसे स्वीकार करना।
ईश्वर ने तेरे लिए कुछ अच्छा ही सोचा होगा,
इसलिए हार या जीत पर कभी विचार मत करना।।
खरगोश समझकर मत सो जाना,
कछुआ बनकर चलते जाना।
लक्ष्य कभी भूल मत जाना,
अचूक होगा तेरा निशाना।।-
🚩🚩।।श्री राम।।🚩🚩
सरयू तट सज रहा रूप नवेली दुल्हन सा,
विश्व धरोहर गूँज उठा राम रूपी शंखनाद सा।।
हम हिंदु हम भारतवासी गौरव है विश्व राज के,
आ रहा है फिर अवध में राम राज नारायण का।।
भगवा रंग खिल उठा नीले सुनहरे अंबर में,
पुष्प वाटिका महक उठी श्री राम के जयकारों से।।
दीप जलाओ रंग बिछाओ राम लला के वंदन में,
रख पद अपने आप पधारो राम लला की अयोध्या में।।-
रावण नहीं पर रूप वहीं है , सबके मन का हाल वही है।
रावण दहन तो सिर्फ प्रथा है , मन के रावण का कभी अंत नहीं है।।
मर्यादित तो रावण भी था , सिर्फ राम नाम ही मर्यादित है।
कैलाश विजय शिव भक्त वो था , अहंकार ही उसका निर्वाणी है।।
लेकर सोच पुरषोत्तम की , भक्त रामेष्ट सा बनना है।
लेकर शिव धनुष राम का , अंत अहंकार का करना है।।
🚩विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।।🚩
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नवीन वर्ष में प्रण ले लो कुछ नवीन विचारों की,
नकारात्मक सोच को साकार में बदलने की।।
सुख समृधी संग आरोग्य रहे धरा पर हर प्राणी,
नूतन सवेरा लाया है कुछ नवीन अभिलाषा की।।
आज से बेहतर होगा कल रहती रहे यही कल्पना,
लक्ष्य हासिल के पथ पर चलता रहे मानव अपना।।
नववर्ष की शुभकामनाएं।।-
हम निकले थे मोहब्बत की तलाश में,
चाय का ठिकाना मिला सर्द भरी शाम में।
मन की बात हमने जानी उस 10 मिनट की मुलाकात में,
प्यार के दो शब्द लिख देते काश तुम कोरे कागज़ में।।-
घर आंगन सज रहा रूप नवेली दुल्हन सा।
विश्व धरोहर गूँज उठा राम रूपी शंखनाद सा।।
भगवा रंग खिल उठा नीले सुनहरे अम्बर में,
पुष्प वाटिका महक उठी श्री राम के आगमन से।।
दीप जलाओ रंग सजाओ राम लला के वंदन में,
स्वागत करो देवलोक की तरह फूलों की बौछारो से।।
दीपावली की शुभकामनाएं।।🚩-
तुम ख्वाब हो,तुम याद हो,मेरे अन्न का तुम स्वाद हो।
तुम ख्वाब हो,तुम याद हो,तुम रास हो प्यारे,मेरा तुम प्यार हो।।
तुम जहाँ मैं हूँ वहाँ,तेरे अंग का हिस्सा जहाँ,
तेरे साथ ही हँसना मेरा,तेरे साथ ही रोना मेरा।
तुम ख्याब हो,तुम याद हो,तुम रास हो प्यारे,मेरा तुम प्यार हो।।
मेरे नृत्य की तुम ताल हो,मेरे गीत का तुम सार हो,
मेरे नयन में है तू सदा,हर अंग में तू ही बसा।
तुम ख्वाब हो,तुम याद हो,तुम रास हो प्यारे,मेरा तुम प्यार हो।।
तुम ख्वाब हो,तुम याद हो,मेरे अन्न का तुम स्वाद हो।
तुम ख्वाब हो,तुम याद हो,तुम रास हो प्यारे,मेरा तुम प्यार हो।।-
मेवाड़ के सिसोदिया राजपूत वंशज के राजा,
महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया हैं जिनका वीर नाम।
इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये,
अमर है महाराणा प्रताप सिंह का नाम।।
हल्दीघाटी के युध्द में काँपी थी अकबर की तलवार,
युद्ध मे सामने थी क्षत्रिय राजपूत वंश की तलवार।
दिवेर के युध्द में पाए सभी खोए हुए राज्य,
कर्नल जेम्स टॉड ने 'मेवाड़ के मैराथन' का दिया नाम।।
चेतक पर सवार होकर किया शौर्य का प्रदर्शन,
चेतक से युद्ध भूमी मे दिया हवा ने भी अपना प्रदर्शन।
स्वामिभक्त अश्व चेतक के अनंत किस्से अमर है आज,
मातृभूमि के रखवाले शूरवीर प्रताप की गाथा वीरता का प्रमाण है आज।।
अंत में राणा प्रताप वीर गति को प्राप्त हुए,
उनकी मृत्यु पर शत्रु अकबर भी अनंत दुखी हुए।
हृदय से अकबर भी प्रताप के गुणों का प्रशंसक था,
प्रताप के साथ चेतक का नाम भी इतिहास के पन्नों में अमर रहा।।
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