कुछ इस कदर मेरे प्यार का रिश्ता निभाती है वो बिन बोले ही सब कुछ समझ जाती है वो मेरी गलतियों से भी प्यार जातती है वो मेरी बेरुखी को भी हस कर शह जाती है वो कभी हसे तो कभी कभी हंसती है वो बेइंतहा प्यार जताती है वो हा कुछ इस कदर चाहती है वो कुछ इस कदर चाहती है वो
प्रिय
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