कुछ अपनो से, कुछ अपनो की बात करता हूँ,
बस इसी तरह मैं अपने दिन को रात करता हूँ।
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Vansh Garg
(Vansh)
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Joined 4 December 2017
11 APR 2020 AT 3:06
26 MAR 2020 AT 2:15
यूँ तो प्यार मोहब्बत की बातें हम किया करते नही,
लेकिन एक बार उसका नाम लेकर देखिये,
कैसे हम रुका करते नही।-
22 MAR 2020 AT 10:40
ऐ वक्त, कुछ इस कदर तूने हमें अपना गुलाम किया
ईमानदारी को बेच तूने ही तो हमें बेईमान किया।।-
8 MAR 2020 AT 17:08
बड़े उलझे हुए है ख़याल मेरे,
बात सुकून की करते है और याद भी तुझे करते है।-
6 MAR 2020 AT 3:20
दिल अपनी हथेली पर लेकर चलता हूं,
शायद इसी लिए,
मैं कम लोगों से मिलता हूँ।-
19 FEB 2020 AT 2:49
बचपन में जब तक पूरे कमरे में अंधेरा ना हो तब तक नींद नही आती थी,
शायद इसी लिए अभी अकेलापन इतना अच्छा लगता है।
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8 FEB 2020 AT 23:51
I went in the open world,
In search of anyone who would hold my hands and say nice things,
Like some really nice things,
And I never returned.-
4 FEB 2020 AT 19:02
तुम्हारें हाथों से खिलाये हुए वो निवाले की खुशबू आज भी याद है,
कैसे समझाऊं मेरे दिल को की उन हाथों पे अब किसी और के लिए मेहंदी रच चुकी है।।-