Vani Patel   (Vani Patel)
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Joined 27 July 2017


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Joined 27 July 2017
6 AUG 2022 AT 21:32

In the world of swipe left and swipe right,
Be someone’s
“Haatha likhta khhat”✨💫

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22 FEB 2022 AT 12:13

इस रिश्ते की डूबतीं नाँव को
तिनके का सहारा तुम भी दे दो ना..
सुख-दुःख भरे इस सफ़र में
साथ तुम भी निभाओ ना..
रह लो रूठे भले दिन-भर,
लेकिन ढलते शाम के साथ
घर लौट आओ ना..
इस कश्मकश से निकलने का
कोई तरीक़ा तुम भी सुझाओ ना।
कब तक अकेली
इस कश्ती को चलाऊँ,
थोड़ी कोशिश तुम भी कर लो ना..
इस रिश्ते की डूबतीं नाँव को
तिनके का सहारा तुम भी दे दो ना।

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1 OCT 2021 AT 21:43

किसी ने पूछा “अब तो नफ़रत हो गई होंगी उनसे!”
हमने भी जवाब में कहा
“खूबसूरत लोग और चीज़ के दूर चले जाने से
उनसे प्यार दोगुना हो जाता हैं!!”

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8 SEP 2021 AT 22:25

सवाल तो खूब पूछे गए हमसे
जवाब कहा था हमारे पास!
तुम्हें शर्मिंदा कैसे देखते
इसलिए थोड़े बदनाम हम भी हो गए!!

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19 JUL 2021 AT 2:48

दर्द में मुस्कुराना सीख लिया है,
बिखर कर फिरसे जुड़ना सीख लिया है,
तुम्हें अल्विदा कहना सीख लिया है,
फिर कभी मुलाक़ात होंगी हमारी,
तब हाल तुम्हारा फिर पूछ लेंगे,
फ़िल्हाल तो हमने फिरसे
जीना सीख लिया है!

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4 JUL 2021 AT 10:51

इन अश्को को तुम ख़ुशी समझ बैठें
मेरे दर्द को अपनी दवा समझ बैठें
बेवक़ूफ़ तो हम ही थे
जो

हमारे इस रिश्ते को पवित्र समझ बैठें…

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24 DEC 2020 AT 0:21

आँखे तुम्हारी,
मुस्कुराहट तुम्हारी,
बातें तुम्हारी,
.
.
.
और
दिल हमारा !

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23 DEC 2020 AT 10:45

क्या खूब आविष्कार किया है भगवान ने इंसान का
दिल की बातें आँखो से बयाँ होतीं है
लेकिन
क़ीमत ज़ुबान की होती है।

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23 DEC 2020 AT 4:10

की तुम्हारी इतनी ग़लतियों के बावजूद
साथ है हम तुम्हारे
और
यें तुम्हारी बदक़िस्मती
की तुम अभी भी
सुधरे नहीं।

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18 JUN 2020 AT 9:54

जब मैं बातें करती हूँ
तब तुम भी कुछ बोलो ना
कोई मन की बात कह दो ना..
कहा था तुमने
अच्छे बुरे वक़्त में साथ रहेंगे
तो अपने बुरे हालात का
ज़िक्र कर दो ना
क्यूँ रहते हो चुप
कोई मन की बात कह दो ना..
यूँ तो बहुत कहते थे
बहुत करीबी हूँ मैं
थोड़ा अपना दुःख बाँट दो ना
कोई मन की बात कह दो ना..
क्यूँ समझते हो अकेला खुद को
साथ निभाने के लिए हूँ मैं यहाँ
कितना छिपाओगे मुझसे
आँखें बायाँ कर रही हैं कबसे
खटक रही हैं कोई बात तबसे
सहीं कह रही हूँ ना
कोई मन की बात कह दो ना..
जीं भर आएँ तो रो लो ना
ग़ुस्सा आ रहा है तो निकाल दो ना
ना रहो यूँ गुमसुम
बोल दो ना
कोई मन की बात कह दो ना..
रोने के लिए कंधा देंगे ना
दर्द कम करने में सहारा देंगे ना
ख़ुशी में तो खूब साथ रहे
दर्द में साथ रहने दो ना
तुम्हारी खोई हुईं मुस्कान
मिलकर ढूँढेंगे ना
बोलो
साथ दोगे ना
कोई मन की बात कह दो ना..

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