कुछ ख़्वाबों की जमीं और खुशियों का आसमाँ।।कुछ जज्बातों की लड़ी और एहसासों का कारवाँ।।ले कर तो चल पड़ी हूँ आज सुबह ही घर से मैं....क्या पता इन्हें सजाने को कोई खाली दिल ही मिल जाये.... - Vande©
कुछ ख़्वाबों की जमीं और खुशियों का आसमाँ।।कुछ जज्बातों की लड़ी और एहसासों का कारवाँ।।ले कर तो चल पड़ी हूँ आज सुबह ही घर से मैं....क्या पता इन्हें सजाने को कोई खाली दिल ही मिल जाये....
- Vande©