VANDANA VERMA   (वंदना वर्मा)
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Joined 7 November 2020


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Joined 7 November 2020
31 MAR AT 22:28

आहट से मेरी, तू आंखे अपनी नम देखेगा
जब वॉलेट तेरा और तस्वीर मेरी देखेगा।

वो बीता हुआ कल, तू आज देखेगा
और चेहरे पर मेरे नाज़ देखेगा।

इनायत में मेरी, खुद को संवरते देखेगा
जब छू कर मुझे हर दफा देखेगा।

खुद से किए वादे भी, टूटते देखेगा
जब आंखे तेरी और सपने मेरे देखेगा।

कि तन्हाई में भी मुझे खुद के पास देखेगा
जब शीशे में खुद को थोड़ा खास देखेगा।

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16 FEB AT 16:05

बहक कर भी हम जायेंगे कहा जान;
तेरी बाहों में ही तो आयेंगे सुबह शाम।
और यू महकना तो फितरत है हमारी;
इत्र तो यू ही बदनाम है सारी।

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7 FEB AT 19:32

तुम सागर में बहती लहरों सी
प्रिय.....
मैं शांत बैठा किनारा हूं।
तुम उस नीर से भरपूर
प्रिय.....
और मैं बस प्यासा तुम्हारा हूं।

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8 DEC 2024 AT 20:52

न कोई "पास" है
न किसी की "आस" हैं।

जब तक "सास" है
खुद ही अपने लिए "खास" है।

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29 AUG 2024 AT 20:26

जब किसी से इश्क़ सच्चा हो जायेगा;
तो, हर गम कच्चा हो जायेगा।

तू उतर तो सही, इस जंग के मैदान में;
तेरा हौसला और भी पक्का हो जायेगा।

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17 JUN 2024 AT 20:39

तूझे नफरत है मुझसे तो कह
मैं नफरत कर लू
तू थोड़ी कर मैं बेपनहा कर लू

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18 FEB 2024 AT 21:16

तेरे इश्क़ पर नाज़ किए बैठे हैं
और तू नाराज़ होकर बैठा है।

हम तो पूरी साजिश किए बैठे हैं
और तू अफ़वाह समझ बैठा है।

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11 DEC 2023 AT 20:07

मैं साधारण सी लड़की, तू नटखट सा कृष्ण कन्हैया
मैं दीवानी तेरी और तू हजारों कि चाहत है सय्याँ

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9 DEC 2023 AT 20:50

अंधेरी रात में अरमान लिए
बैठे हैं अपने चांद संग तारों
को गिनने बैठे हैं।

दुनिया कि कश्मकश भूलकर
उनकी मुस्कान देखने
बैठे हैं।

पहले लड़ाई तो बहुत कि
अब उन लड़ाइयों पर
हँसने बैठे हैं।

कुछ तो नज़ाकत है उनमें
तभी तो हम उनके इतने
पास बैठे हैं।

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5 DEC 2023 AT 19:44

समाज खुश नहीं होता
जब पैदा होती हैं बेटियां...
पेट में भ्रूण हत्या की जाती है
क्या इतनी बुरी होती है बेटियां..

एक बेटी के बुरे काम से क्यों
बदनाम होती हैं सारी बेटियां...
बेशक देश आगे बढ़ रहा है लेकिन
सोच तो छोटी होती जा रही है
जब वन पीस पहनती हैं बेटियां..

आदर्शों से नहीं दुनिया कि नज़र में
घूंघट में योग्य होती हैं बेटियां...
लेकिन फिर भी रंग - रूप
नाक नक्स से तुलती हैं बेटियां..

पेरो से लेकर बालो तक परखा
जाता है कोई कुम्हार की बनाई
गुड़िया नहीं, ईश्वर की देन ही
होती हैं बेटियां...
और, समाज खुश नहीं होता
जब पैदा होती हैं बेटियां...

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