बरसती बूंदों को तेरा नाम दे आया
छू कर निकली वो इस कदर की
ढलती हुई एक शाम दे आया।-
LEARNER
#शब्दसखी❤️
बीता हुआ कल हमारे दिमाग में है.... और
आने वाला कल हमारे हाथ म... read more
इस आशियाने से दूर जाएगी क्या..
मौसम बरसात का है,
मेरे संग भीगने आएगी क्या..
बूंदों से स्पर्श भीगी नजरों को
मुझ पर टिकाएगी क्या..
यू अपने प्यार में मुझे
भीगा देख
थोड़ी शर्माएगी क्या...-
आहट से मेरी, तू आंखे अपनी नम देखेगा
जब वॉलेट तेरा और तस्वीर मेरी देखेगा।
वो बीता हुआ कल, तू आज देखेगा
और चेहरे पर मेरे नाज़ देखेगा।
इनायत में मेरी, खुद को संवरते देखेगा
जब छू कर मुझे हर दफा देखेगा।
खुद से किए वादे भी, टूटते देखेगा
जब आंखे तेरी और सपने मेरे देखेगा।
कि तन्हाई में भी मुझे खुद के पास देखेगा
जब शीशे में खुद को थोड़ा खास देखेगा।
-
बहक कर भी हम जायेंगे कहा जान;
तेरी बाहों में ही तो आयेंगे सुबह शाम।
और यू महकना तो फितरत है हमारी;
इत्र तो यू ही बदनाम है सारी।-
तुम सागर में बहती लहरों सी
प्रिय.....
मैं शांत बैठा किनारा हूं।
तुम उस नीर से भरपूर
प्रिय.....
और मैं बस प्यासा तुम्हारा हूं।-
न कोई "पास" है
न किसी की "आस" हैं।
जब तक "सास" है
खुद ही अपने लिए "खास" है।-
जब किसी से इश्क़ सच्चा हो जायेगा;
तो, हर गम कच्चा हो जायेगा।
तू उतर तो सही, इस जंग के मैदान में;
तेरा हौसला और भी पक्का हो जायेगा।-
तूझे नफरत है मुझसे तो कह
मैं नफरत कर लू
तू थोड़ी कर मैं बेपनहा कर लू-