Vandana S Vishwakarma   (वंदना विश्वकर्मा 😊🦋❤)
138 Followers · 123 Following

read more
Joined 13 October 2021


read more
Joined 13 October 2021
15 MAY 2023 AT 10:31

कि हम उम्रभर बेजान रिश्तों में बंधे रहतें हैं।

-


26 APR 2023 AT 20:34

चालाकियां
गुनहगार बना देतीं हैं।

-


29 OCT 2022 AT 8:04

मया ततमिदं सर्वं जगदव्यक्तमूर्तिना।
मत्स्थानि सर्वभूतानि न चाहं तेष्ववस्थितः।।9.4
यह सम्पूर्ण जगत् मुझ (परमात्मा) के अव्यक्त
स्वरूप से व्याप्त है भूतमात्र मुझमें स्थित है?
परन्तु मैं उनमें स्थित नहीं हूं।
#ShriGitaJi #Sanskrit

#आचार्य_विवेक_कौशिक

-


28 OCT 2022 AT 10:41

अश्रद्दधानाः पुरुषा धर्मस्यास्य परन्तप।
अप्राप्य मां निवर्तन्ते मृत्युसंसारवर्त्मनि।।9.3
हे परन्तप इस धर्म में श्रद्धारहित पुरुष
मुझे प्राप्त न होकर मृत्युरूपी संसार में
रहते हैं (भ्रमण करते हैं)।
#ShriGitaJi #Sanskrit

#आचार्य_विवेक_कौशिक

-


24 OCT 2022 AT 8:28

राजविद्या राजगुह्यं पवित्रमिदमुत्तमम्।
प्रत्यक्षावगमं धर्म्यं सुसुखं कर्तुमव्ययम्।।9.2
यह ज्ञान राजविद्या (विद्याओं का राजा) और राजगुह्य (सब गुह्यों अर्थात् रहस्यों का राजा) एवं पवित्र? उत्तम? प्रत्यक्ष ज्ञानवाला और धर्मयुक्त है? तथा करने में सरल और अव्यय है।
#ShriGitaJi #Sanskrit

#आचार्य_विवेक_कौशिक

-


23 OCT 2022 AT 9:23

ॐ श्रीपरमात्मने नमः
अथ नवमोऽध्यायः
श्री भगवानुवाच
इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे।
ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात्।।9.1
श्रीभगवान् ने कहा -- तुम अनसूयु (दोष दृष्टि रहित) के लिए मैं इस गुह्यतम ज्ञान को विज्ञान के सहित कहूँगा? जिसको जानकर तुम अशुभ (संसार बंधन) से मुक्त हो जाओगे।
#ShriGitaJi #Sanskrit

#आचार्य_विवेक_कौशिक

-


4 OCT 2022 AT 22:42

जय माता दी ❤️🙏🙆‍♀️

-


28 SEP 2022 AT 7:59

परस्तस्मात्तु भावोऽन्योऽव्यक्तोऽव्यक्तात्सनातनः।
यः स सर्वेषु भूतेषु नश्यत्सु न विनश्यति।।8.20
परन्तु उस अव्यक्त से परे अन्य जो सनातन अव्यक्त भाव है वह समस्त भूतों के नष्ट होने पर भी नष्ट नहीं होता।
#ShriGitaJi #Sanskrit

#आचार्य विवेक कौशिक

-


13 SEP 2022 AT 7:58

मामुपेत्य पुनर्जन्म दुःखालयमशाश्वतम्।
नाप्नुवन्ति महात्मानः संसिद्धिं परमां गताः।।8.15
परम सिद्धि को प्राप्त हुये महात्माजन मुझे
प्राप्त कर अनित्य दुःख के आलयरूप
(गृहरूप) पुनर्जन्म को नहीं प्राप्त होते हैं।
#ShriGitaJi #Sanskrit

#आचार्य विवेक_कौशिक

-


12 SEP 2022 AT 8:06

अनन्यचेताः सततं यो मां स्मरति नित्यशः।
तस्याहं सुलभः पार्थ नित्ययुक्तस्य योगिनः।।8.14
हे पार्थ जो अनन्यचित्त वाला पुरुष मेरा
स्मरण करता है उस नित्ययुक्त योगी के
लिए मैं सुलभ हूँ अर्थात् सहज ही प्राप्त
हो जाता हूँ।
#ShriGitaJi #Sanskrit

#आचार्य विवेक_कौशिक

-


Fetching Vandana S Vishwakarma Quotes