vandana khandelwal   (toshika)
9 Followers · 2 Following

बेफिक्र बेबाक
Joined 21 December 2018


बेफिक्र बेबाक
Joined 21 December 2018
26 APR 2022 AT 22:26

अक्षरों के मेले से
ज्ञान को चुना है
किताब के पन्नों पर
मैनें हर सच को सुना है

इतिहास का रोमांच हो या विज्ञान का रस
गणित का रंगमंच हो
या भूगोल का भूमंडल असंख्य

कुछ ही पन्नों में
एक सागर को समझा है
किताब के हर पन्नों पर
मैंने हर सच को सुना है

काल्पनिक कथनों में रची
अलग दुनिया को देखा है
छोटे- छोटे लेखों में
जीवन का सार समझा है

हाँ अनंत इस दुनिया
का एक अंत भी परखा है
आदमी द्वारा रचित इसी किताब में
उसका अंत भी लिखा है

छोटी सी किताब मे
एक संसार को जाना है
हाँ ,कुछ ही लेखों में
मैंने हर सच को सुना है










-


7 JAN 2022 AT 20:54

हर रोज, हर पहर, हर क्षण
हर श्वास में एहसास हो
दूर होकर भी तुम पास हो

जो भोर होए तो
नैन एक चीत को ढूँढे
जो दिन ढले तो
मन एक मीत को पुकारे

मेरी शुरुआत हो- अंत हो
हर अनकही-अनसुनी
मन से बोली- मन मे बसी
बात-ख़्याल का ज़ज्बात हो
दूर होकर भी तुम पास हो

आँगन में लगे पेड़ की
मीठी छाँव हो
सिरहाने रखे पुराने खत
कि महक हो

जो पोष की ठंड में
रज़ाई की गर्मी करे
जो श्रावण में
रिमझिम बरसात करे
वो एहसास हो
दूर होकर भी तुम पास हो

-


28 SEP 2021 AT 1:24

हर्ष हो ,उमंग हो
"विजय" पथ पर आप अग्रसर हो
सवेरे की "पूर्वा" "उषा" की तरह
चहु और आपका ही प्रकाश हो

"श्रीधर" का "अरविंद" हो
या "शेखर" की "आरती"-"भक्ति" हो
प्रभु "सत्यनारायण" की "माया" मे
आपके भी "सिद्ध"-"सार्थक" हो

कभी "मयूर" की तरह चंचल हो तो
कभी "शिवाय" के "हिम" की तरह स्थिर हो
जीवन रेखा मे आपके
हमेशा "उमा" का ही प्रतिक हो

"प्रज्ञा" से "सुमेध" हो और
कर्मशीलता मे विश्वास हो
एक अतुल्य "तनिष्क़" की तरह
सबके जीवन मे आपका स्थान हो

"आकाश" मे बिखरी "चांदनी" की तरह
जीवन मे "मिष्ठी" की मिठास हो
देवी "शक्ती" की उर्जा हो या "रितेश" का सत्यवान हो
आपकी विशेषताओं का हर और गुणगान हो

"मारुति" नंदन की तरह विनम्र हो
"रमा"पति का आशीष हो
किसी "विरेश" की भाँति
हर "लक्ष्य" मे आप सुयेश हो

इसी आशा अभिलाषा के साथ आपको
जन्मदिवस की शुभकामनाए- सादर प्रणाम हो

-


17 AUG 2021 AT 19:19

वो सहज थे , सरल थे
मन से विशाल
अंधकार मे मशाल थे
वो अजर अमर अटल थे

देश भक्ति जिनका धर्म था
आचार से नम्र
एक निष्ठ विचार थे
वो अजर अमर अटल थे

भारत को नयी ऊचाईयां दिलाई
मैत्री की राह उन्होने सुजाई
पोखरण हो या कारगिल
हर समस्या से उन्होने राहत दिलाई

छवि से राज नेता
मन से कवि ,कर्म से कर्मठ
वो एक सच्चे कार्यकर्ता थे
वो अजर अमर अटल थे

भारत रत्न से सुशोभित
कंठ से गाए प्रगती के उन्होने गीत थे
ऐसे उदार व्यक्तित्व के धनी
वो अजर अमर अटल थे

-


23 JUL 2021 AT 0:13

I dream you every night
Sleeping next by my side
Gazing at you
I look at your closed eyes
Your lips on the downside
That view !
Ah! I can never express
How beautiful is that sight
Oh Yes!
All my mornings are beautiful
Because I dream you baby every night

-


18 JUL 2021 AT 15:18

The next time we will meet
I will hold you tight
Look deeply into your eyesight
And kiss you right

Kissing your lips down to cheeks
Gazing your charm
Lost between your arms
My whole world would still

Just You and Me
Where I can feel your breathe
And You can feel my soul

Oh! I am waiting for that day
When there will be nobody
No Phone No Message
No Ringing bells & Nothing to Cage

When I will be lost
Lost in your warmth
crossing my limits
I will love you the most
The most that day
The day we will meet









-


26 MAY 2021 AT 23:49

किसी किताब की तरह है वो
एक ख्वाब की तरह है वो

हर बदलते दिन मे
वो एक पन्ना पलट रहे है
हर नये पन्ने पर वो
और मोहक दिख रहे है

दो शब्दो मे ही वो अनगिनत
अहसास बयाँ कर रहे है
जो मुस्कुराकर आँखें झुका ले
तो ही रातो की नींद उडा रहे है

कुछ इस तरह अब वो
इस दिल मे समा रहे है
कुछ इस तरह अब वो
किसी का सब कुछ चूरा रहे है

-


18 MAY 2021 AT 11:48

लोगो की कब्र पर
इमारत बना रहे हो
"मंत्री जी" आप विकास नही
देश को इतिहास बना रहे हो

-


13 MAY 2021 AT 19:23

आँखे पढ लेती है ख्वाब मेरे
शब्दों मे क्या बयाँ करू जज्बात मेरे
अहसास ही काफी है
अब जीने के लिए
आप ही काफी हैं
अब मेरे मुस्कराने के लिए


-


11 MAY 2021 AT 15:32

सुबह-शाम तुम्हे निहारती हूँ
पिया मे तुमसे बेहद प्यार करती हूँ

सूरज की पहली किरण की
तरह मुझ मे उदय होते हो
दिन के उजाला की तरह
मेरे हृदय मे बसते हो

मन के दर्पण मे तुम सजे हो
हर खयाल- जज्बात मे अब तुम बसे हो
संगीत के सुरों मे तुम्हारी ध्वनी सुनती हूँ
हर सपने मे अब तुम्हे बुनती हूँ

मिश्री की तरह मुझ मे घुल गए हो
मेरी मुस्कराहट मे अब तुम मिल गए हो
यू ही नही सौ बार एक बात कहती हूँ
पिया मे तुमसे बेहद प्यार करती हूँ

मोहक चेहरे, श्वेत चक्षु ,
भिनी मुसकान
को रोज निहारती हूँ
हर बार तुम्हारे चित को देख
अपने आप से हारती हूँ

पिया ! इस प्रीत की मीत हो तुम
मेरे हारे हुए मन की जीत हो तुम
इसलिए फिर कहती हूँ
सुबह शाम तुम्हे निहारती हूँ
पिया! मे तुमसे बेहद प्यार करती हूँ

-


Fetching vandana khandelwal Quotes