मेरे प्यार की परिभाषा कुछ अलग है,
मेरे दिल के बहते जज्बात अलग है।
तुझे चाहा भी और मिलने की आस नहीं,
तू कौन है,तेरी पहचान भी नहीं,
तेरी छुअन का एहसास तक नहीं,
तू रहे ताउम्र मेरे साथ,ऐसी कोई फरियाद भी नहीं।
मेरे प्यार की परिभाषा कुछ अलग है,
मेरे दिल के बहते जज्बात अलग है।
तू कृष्ण मैं राधा ये मंजूर नहीं,
तू कान्हा, मैं गोपी तो मुझे खुद पर नाज़ ही नहीं,
बिन नाज़ के मोहब्बत कैसी,
मैं बिन महादेव आदिशक्ति कैसी।
मेरे प्यार की परिभाषा कुछ अलग है,
मेरे दिल के बहते जज्बात अलग है।
तू नीलकंठ तो मैं हर जन्म तुझपे सती,
तेरे लिए हर कसौटी मेरी,
हर बार सिर्फ मैं अर्धांगिनी तेरी,
तेरे साथ हर अंत की कहानी नई मेरी।
मेरे प्यार की परिभाषा कुछ अलग है,
मेरे दिल के बहते जज्बात अलग है।
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