और यादों में बसे फूल
आजकल दोनों ही
"इक-दूजे" की
राह तकते है...!!-
हमने
तुझसे ए-जिंदगी
तोहमतें भी खूब बक्शी हैं तूने हमे
इस सफर-ए-जिंदगी में
फिर भी गिला तक तुझसे कभी
ज़ाहिर हमने किया नही
मगर...कुछ तो रहम तू भी कर
यूँ सितम ढ़ाना हम पर
अब ज़रा तू बंद कर
अब नहीं सह पाएंगे हम
तेरी दी इन क़बाहत को
ये जफ़ा, जब्र तेरे.. हमसे तू दूर रख
यूं कयामत न ढ़ा हम पर बार-बार
थोड़ी तो शफ़क़त दिखा.. हमसे भी हमदर्दी रख
अपने इस बन्दे की सलामती का तो ख्याल कर
हम पर भी ज़रा तू अपनी कुछ तो निगाह रख...!!
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अ दिल
तू क्यों मुझे परेशान करता है..
नहीं जाना जिस ओर
क्यूँ उसी ओर जाने की चाह करता है..
जब समझा दिया तुझे
कि शायद नहीं वो रास्ता .. तेरे लिए .. नियति को स्वीकार
फिर क्यूँ .. उसी रास्ते जाने की आस रखता है...
ए दिल .. तू क्यों मुझे इतना परेशान करता है.... !!-
वो जो किसी ने नहीं देखा..
मगर फिर भी
इसी की खोज में
कर रहे सभी
वर्तमान को व्यतीत है...
समझते हुए अहमीयत
भविष्य के एक पन्ने की
गवां देते वर्तमान का अस्तित्व है..!!-
हां, वो चांद है मेरा
मै निशा ..
साथ ही चढ़ते, साथ ही ढल जाते है
हां, वो साहिल है मेरा
जब चढ़ती निशा
तो सहारा बनता भी वही है
हां, मुझे संभालता भी वही है...!-
To be strong Enough..that no One can Detect the situation Inside me by my Face
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चन्न दिआं गल्लां मेरी
चन्न नाल इ रह जान्दिआं
..
की समझदा आ तू वी..?
ओ गल्लां...
जेड़ी मैं चन्न नाल करदी आं..!-