Vaishnavi Shinde   (smriti)
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Joined 23 September 2020


Joined 23 September 2020
13 MAR 2022 AT 9:39

बिखरना तो नहीं है इसे मगर
संभलता भी नहीं
हारना तो नहीं चाहता मगर
किसीको रुलाता भी नहीं
पाना तो है उसे मगर
किसीसे छीनना भी नहीं
खुश तो रहना है मगर
किसी और को खफा करना नहीं
करनी तो है खुद कि ख्वाइशें पूरी मगर
किसीके सपनो को तोड़ना भी नहीं
यह बातें है दिल कि,
जो बस दिल ही जाने....।

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5 FEB 2022 AT 10:17

हस रही हो ज़िन्दगी तो
जी लिया किजिए इत्मीनान से ,
कब कहा कैसे गम आकर रूला दे
खुदा भी ना जाने चाह के ||— % &

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15 JAN 2022 AT 11:21

चाहते हो किसीको तो
बे झिजक बया करो,
मोहलत कि है यह जिंदगी
इसे आजमाया करो ||

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10 JAN 2022 AT 19:40

बेशक है,
उसका आना लौट कर.
फिर भी,
सहम सी गई मैं
उसे जाते देख कर.

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9 JAN 2022 AT 18:46

मिलता है हर कोई यहाँ नकाब लिए
सिखलाता है जीने का ढंग नया
चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए
है यह जिंदगी का रंगमंच
निभाता है हर कोई यहाँ अपना किरदार
नुमाइशी शख्सियत लिए....।।

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2 JAN 2022 AT 19:12

रख हौसला तेरा भी दिन आएगा..
तेरे भी पंखो में हिम्मत आएगी..
यह आसमान तेरे लिए भी झुकेगा..
जमीन भी तेरे पैर चुमेगी..
यह हवाएं भी तुझे छूकर झूम उठेंगी..
वह बादल भी तुझे देख बरसेगा..
दौर तो बदलते रहते है..
उनमे एक दौर तेरा भी जरूर आएगा..||

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26 DEC 2021 AT 20:49

ना कभी रहना किसीके यू पास की
उसकी कुछ पल की दुरी जीवन भर की लगे।

नहीं सुनना किसीका ऐसे की
उसकी थोड़ी देर कि ख़ामोशी का शोर भी सताने लगे।

ना समझना किसीको ऐसे की उसका तुमको ना समझना
जिन्दगी का सबसे बड़ा दर्द बन जाए।

ना कभी बनाना किसीको ऐसी अपनी आदत की
उसका छोड़ जाना तुम्हारी ना जीने की वजह बन जाए।

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23 DEC 2021 AT 21:58

चांदणी वोह रात हो हमसफर भी साथ हो..
बाते हो अनकही जिनकी हमे तलाश हो ..
खुदा दे बरकते हमे ऐसी हमारी चाहत हो..
तन्हा था जो दिल का कोना वोह खिला गुलाब हो..
मोहब्बत कि ऐसी वोह मेहफिल हो,
की नशा-ए-शराब भी पानी पानी हो...!!

-smriti


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21 DEC 2021 AT 22:24

तू बस इजाजत दे दे

आँखो से तेरी जुल्फे सवारु
तेरी मुस्कान कि मैं ही वजह बनू
पलको तले तेरे सारे ख्वाब सजा लू
बेशुमार मोहब्बत कर तुझे दिल में छुपा लू
तु बस इजाजत दे दे

दुनिया कि सारी खुशियाँ तुझे मुहैया करा दूँ
तू जहा से गुजरना चाहे वहाँ गुलशन बिछा दूँ
तुझे लगे धूप तो महताब और ठण्ड में आफताब बुलालु
तेरी हिफाजत के खातिर आतिश और शैतान से भी लड़ जाऊ
तु बस इजाजत दे दे

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10 NOV 2021 AT 22:39

माना कि साथ हमारे पूरी दुनिया चलती है,
लेकिन हर रोज दिल में जो बवंडर उठता है
उसे सहने साथ सिर्फ तन्हाई मिलती है ||

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