Vaishnavi Mahajan   (वैनम)
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Joined 25 January 2021


Joined 25 January 2021
2 FEB AT 21:27

Kahi kirdaar nibhana..
Kahi...
Khud kirdaar ban Jana..
Tum shayad vahi ho...
Un kuch unginat..pal ka kissa..
Bas bhul mat Jana...
Vo pal the..
Jo kal the
Sada na thehar te
Bikhre...kal...se
Aaj savarte....aaj savarte !!

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4 DEC 2023 AT 21:50

Amm moon...🌝
Nd how poet describes it,
_._._._
Adhoore khwabon aur ashkon se saja bikhre dilon ka safar takta hai
Sannate mei bune gardish se juda ankaha hissa !!

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5 NOV 2023 AT 21:09

देखु , लिखू तो सूरज चंदा आसमान मैं
Pau to...Dono..अलग जहान mai
शामो ke बसियारे Mai
करिष्मो ke सौगात mai
आलम तो जता,सजा,दिखा,
पाबंद समय के..दस्तुरो मैं ||

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18 OCT 2023 AT 20:48

मनात मनाच्या...
एक गुपित मनाचे होते
मनाने..मनाला..
मनात बिंबले होते
रूप मनाचे मनाला ही मानवले
मनाने कुठे मनाला मन भर पाहिले
निस्तेज मनात..कोवळ्या मनाच्या
स्वप्न छटा मांडल्या..
हजारो विचार बिंबलेल्या
ह्या एका मनात
मनाचे मन..मन बनून राहील्या

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27 SEP 2023 AT 19:01

In English we say...
"It's maturity"
Nd how poet describes it
.....
Jimmedariyon ki qabr mein jab masumiyat ko dafnaya hoga,
Tab jaakar, zamane ki samjhdaari ne use yun apnaya hoga🖤

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4 SEP 2023 AT 22:20

उंच भरारी घ्यायला पक्षांकडून शिकावं,
आजूबाजूला काटेरी आवरण असेल तरी
फुलाव कस हे गुलाबाकडून शिकावं,
दररोज आपण काही तरी शिकत असतो
आपल्या उदास झालेल्या मनाला,
हाच निसर्ग नवीन शिकवण देऊन जात असतो
जीवनाच्या या वाटेवर चालताना असे वाटते
की सगळे आपले सोबती आहेत पण..
अचानक आलेल्या वादळात आपण एकटेच पडतो
वादळात चालताना एक नवे बळ..
हा निसर्गच देऊन जातो,
कमकुवत असणारे आपण...
कधीच बलवान होऊन जातो😊
- दिनिराम

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13 AUG 2023 AT 20:49

की गाथा पढू उनकी
जो इतिहास धूंदलाती...
वो राणी अहिल्या थी..
करुणा की खुद एक दास्ता थी

अति धार्मिक, मृदुभाषी,
पर अन्यायी की प्रतिधात थी
आत्मविश्वासी,सुसंचालक,
सुशासन की दृढ़ संकल्पित...
मालवा की सिंहनी थी
वो राणी अहिल्या थी..

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25 JUL 2023 AT 21:13

श्रीमंती मनाची खरी मानतो..पण,
जो तो इथे...
पैश्यानी माणूस तोलतो
विचारांची बोलाबाल इथली
वृत्ती संकुचित जोपासतो

दर्पण ही लाजेल...
रूप इतके बदलतो..
लिहावे किती नी काय
शब्द ही गहिवरतो

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21 JUL 2023 AT 21:59

वैनम

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12 JUL 2023 AT 23:41

I know you are not here..
Might be watching from there
Ammm yeahh..Might be..
....Right!!
Every year surely not same
mmm but...
This day always like that
Amm yeahh...we still miss you
This day just turns look back..
Nd Awares unconsciously you are not here..
Just staring us from somewhere!!

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