Vaishali Singh   (वाग्मा)
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क्या है आँखों के बहते पानी का स्वाद... !!!
पता लगा तेरे जाने के बाद...!!!
Joined 20 October 2022


क्या है आँखों के बहते पानी का स्वाद... !!!
पता लगा तेरे जाने के बाद...!!!
Joined 20 October 2022
21 JUN AT 23:18

दिल तसल्ली कहाँ
देता है जुदाई में...
आँखे भरी- भरी सी
रहती हैं तन्हाई में...
अपना बेगाना कोई
अच्छा नही लगता...
असर होता नहीं
किसी दर्द की दवाई में..

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20 JUN AT 23:02

उदासी
लेकर चले आये तुम
क्या पहले कम
खामोशी तुम्हारी थी
झूठ कहती नहीं आँखे
सर उठा के कहो रात
करवटों में
जाग कर गुजारी थी...
गम मोहब्बत के छिपाने से
छिपा नहीं करते बे- वजह तो
न इतनी बेकरारी थी...

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17 JUN AT 23:13

उदासियाँ खुमार की
कुछ बातें तेरे प्यार की
दिल दुखाती हैं रोज
हद तेरे इंतजार की
कौन सोता है रातों को
नींद आती किसे हैं..
पर तुम्हें लगती हैं
बातें सब बेकार की...

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16 JUN AT 23:14

दूर पास के किस्से
पुराने हो जाएं....
तुम मिलने आ जाओ
खत्म बहाने हो जाए...

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15 JUN AT 22:29

हमें आता नहीं
मौसम की
तरह बदलना
यूँ तो मोहताज बहारें
रही हैं मेरी...
मैंने तस्वीर की तरह
किसी को सजाया नहीं
बरसों खाली दीवारें
रही हैं मेरी...

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9 MAY AT 21:11

रात फिर रहा
इंतजार आँखों में
सहर होने तक
हर लम्हां तेरा हो गया
क्या लिखते जब..
न रहा तस्सवुर में तू
बैठे- बैठे सवेरा हो गया..

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17 JAN AT 22:21

खामोश रहते हो तो
खफा लगते हो
कसम तुम्हारी सबसे
जुदा लगते हो
मेरे नसीब मे न लिखा है
साथ तेरा.. किसी और के
मुकद्दर की दुआ लगते हो
बड़ा सुकून सा मिले हैं
सोच के तुमको..
हमें तो दर्दे- दिल की
दवा लगते हो...

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15 JAN AT 23:51

पहले तन्हाई से मोहब्बत हुई
अब अंधेरे से प्यार हैं...
रौनकें सब गुम हो गयी...
जो मिलने न आयेगा अब कभी
बस उसी का इंतजार हैं....

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3 JAN AT 0:01

पुराने कागजों में...
पुरानी तस्वीरें...
कुछ इस तरह..
रह जाऊंगी...
दिल में तेरे जैसे....
हाथों की लकीरें

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1 JAN AT 23:03

हमनें तो कैलेंडर ही
उल्टा कर दिया...
जो झूठी उम्मीदों
की तारीख
लेकर आती हैं..

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