हर वक्त अच्छी नही होती नमीं आँखो में.... बहने दे जरा सा गर्मिये इश्क़ भी सांसो में... क्यूँ सिरहाने बदलते हो जब नींद नहीं आती... गिले- शिकवे कर लिया कर दोपहर कट जायेगी बातों में...
शाम कैसी भी हो.... दिल के पास होती हैं... मुलाकात भी कहाँ इतनी खाश होती हैं.... फिर भी हर रोज मिलने की आस होती हैं... हम भी याद कर के उसे मुस्कुरा लेते हैं... जब भी तबियत उदास होती हैं.....
एक याद ऐसी हैं.. जो हर वक्त... साथ रहती हैं... वरना तुझे देखे मिले... तो जमाना हो गया... जी तो रहे हैं... तेरे बिना मगर वो बात नहीं... हाँ ये दिल जरूर जहाँ से... बेगाना हो गया...