बैचेनियों से घिरे बैठे है सब,
जाने किस आस में......
जिन्दगी भी ना जी रहे
एक सुकून की तलाश में....💫-
जिंदगी की कुछ यूं कहानी हो रही है....
ठहरे हुए पानी में जैसे रवानी हो रही है।
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# पढ़ाई का दौर - (Competitive exam)
मन में कितनी उलझन है,
पर हौसलों में है फिर भी दम।
एक मंजिल पाने के खातिर
जाने किन सपनों में खो गए हम।।-
चाँद को निहार के एक सुकून सा मिलता है,
धीमे धीमे ही सही एक दिन वो भी तो पुरा बनता है।
जैसे सफ़र का रास्ता🖊...मंज़िलों से पुरा बनता है।📚-
जाना है किसी एक किनारे पथिक ने सोचा राह पर
कश्ती भी लहरों से लड़ गई ऐतबार था पतवार पर
मझधार से कश्ती निकलकर पहुँच गई किनार पर।
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बीती बातों से सबक लेना सीख लिया हमने
ऐ जिंदगी! अब खुश रहना सीख लिया हमने।-
किसी और की बातें सुनकर
मन को विचलित ना करे,
खुद पर विश्वास रखे
जो भी करे दिल से करे।-
फिसलती ही रहती है पल भर रूकती नही
लगता है जैसे रेत सी जिंदगी..........⏳💫
थोड़ी सी मोहलत मिले जिंदगी.....-
ये चाँद-सितारों के लहज़े में भी सरगम है,
एक में है शीतलता दूजा चमके जगमग है।
जब नींद ना आए तो कहते है कुछ ये हमसे
आवाज हमारी है तुम खामोशी से सुन लो,
हम लोरी सुनाते है तुम आँखे बंद कर लो।
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अच्छे वक्त में सब अच्छे है,
बुरे वक्त में पहचान होती है।
कोई समझा नहीं कि कैसी है,
समय की चाल अनोखी है।-