बहुत दिनो से सोचा कि,,
मै हर drwaje मे dastak हो ये chahti रही,,,
कोई और हमारी बात kraye ye chahti रही,,,,,,
पर आज थोड़ा रुक के सोचा,,
की तेरी अरदास मे मैंने कोई कमी नही की,,,
क्यू औरो पर निर्भर रही,,,,,,
मैंने खुद तुझसे baatein क्यू नही की,,
तू सुनेगा भी और देगा भी,
तेरे अलावा मेरा कोई और है भी नही-
शिव रक्षक काहु को darna,,,
शिव आस दीजिए,,,, सर पर मेरे हाथ दीजिए!!!!
Smbhalu खुद को आपकी छाया मे,,
शिव इतना विश्वास दीजिए 🙏🙏🙏🙏🙏-
,,,,,,
एक मा के अलावा किसको सच lagti है,,
ये बिगड़ा mijaaj, नासाज तबियत sabko chubhti है,,,
बहाना smjh कर भुला.दी जाती है,,
एक मा है जो bebat भी njr utar जाती है,,
🙂
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मन,,,,,
इस मन की marji hu मै,,,
Chahu तो रहे उदास,,, ना chahu तो.kre हास्य,,
पीड़ा भी इस मन. की मै,,,
समाधान.bhi मै, uljhan भी मै,,,
मित्र भी मै shatru भी मै,,
इस मन का.chain भी मै aur baichaini. Bhi मै-
बंदिशे,,
Man की,,,
मोह बिना मन की,,,,
Beragi के jivan की,,
ये बंदिशे सारी मन की,,,,
राग, द्वेष से bhre जन की,
बिना बात akadn की,,
ये बंदिशे सारी मन की,,-
संगत kisi की भी हो साधु या शैतान,,,
Svbhav की रंगत अपनी सोच का नतीजा है,,,,,
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मै jaisi hu, वैसे ही apna लिया tha उसने,,,
Jab duniya slah देने लगी साथ chhod diya उसने-
सोच,,,,,
कुछ वक़्त से विचारों का मेला सा लगा है,,,
मन मे ख्यालों का उधेड़ बुन हुआ है,,
कि मन रखने के लिए सच बोलना क्यू सही नही????
झुठ बोल के मन. रखना क्यू सही???
🧐🤨😑🤯
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मै अल्हड़ उपवन,, तुम शांत चित वन,,
मै अधीर-अधीर, तुम शान्त गंभीर,,.
मै रागी, तुम बैरागी (in a some way😛)
मेरी सीरत सादी,, तुम्हे पसंद सादगी,,,,
TO BE CONTINUED,,,,,,
DON'T SAY शायरी,, ITS A PART OF POETRY 🧐😏-