तुम्हारे होने से किस्से.... कहानियां... बेइंतहा बातें थीं
अब इन शब्दों का क्या करूं???-
इतना मुझे किसी ने जाना नहीं!!
* Iss kagaji karyawah... read more
हम कभी लिखा करते थे
जो ज़ुबान नहीं कह पाती थी
वो बात कलम कह जाती
कभी मुस्कुरा कर लिखते
कभी आंसू बहा कर लिखते
कभी याद में लिखते
कभी साथ हो कर लिखते
कभी मन के खालीपन को लिखते
कभी महसूस होते अकेलेपन को लिखते
कभी सारा जहान अपना लगता
सारा जहान लिखते
कभी घर भी पराया लगता
अपने घर की आस को लिखते
आज कहने को बात बहुत है
सुनने को कोई खास बहुत है
लेकिन आज एक बन्द किताब में
अपनी बात रखने की चाह बहुत है
अगर आज लिखते तो
अपनी इस लिखने की चाह को लिखते....
अगर आज लिखते तो....-
सोचो वो बात कितनी ज्यादा दर्द भरी होगी
जिसे लिखने से
लिखने वालों की कलम भी रुक जाए
जिसे बोलने से पहले "खुदा-ना-खास्ता" लग जाये और बोलने के बाद "भगवान ऐसा कभी न हो" अपने आप आ जाये
और सोचो वो पल कितना दर्द भरे होगा
जिस पल में "खुदा-ना-खास्ता" वो बात सच हो जाये...
"भगवान ऐसा कभी ना हो"
#jaymatadi-
अगर ख्वाब टूटने का डर है
तो ठीक है
लेकिन ख्वाब देखने से डर लगे
तो बात गंभीर है...
(अनुशीर्षक में पढ़ें...)-
आज न बड़े दिनों बाद तुम्हारा ख्याल आया
अच्छा लगा....
(अनुशीर्षक में पढ़ें)-
काली कमीज़ ना पहना करो
हम कैसे बचाएंगे तुम्हे नज़रों से
काला टीका लगाते लगाते
कहीं हमारी ही नज़र ना लग जाये...-
तुम्हारे लिए मेरा प्यार कुछ इस कदर है कि
तुम्हारी मेरी तस्वीर में हम तुम्हे देखते हैं
-
हमने उन्हें सबसे ज़रूरी समझा
उनके खास दिन पर मौजूद होना जरूरी समझा
हम वक़्त ले कर गए
और वो देख पूछते हैं
क्या लाये हो????-
हर दिन एक कदम लेंगे
सौ दिनों में सौ कदम लेंगे
कहीं ना पहुंचने से कहीं पहुंचना बेहतर है
बैठे रहने से... एक कदम चलना
"सौ" गुना बेहतर है....-
ये बात समझने में देर कर दी
पहले समझ लिया होता
तो अच्छा होता
अपने दूर जा रहे थे
उस दूरी को दूर कर लिया होता
तो अच्छा होता-