Each poem
Is a prayer,
Written in ink
And hope.
Each poem
Stands beside me,
To help me up,
Help me cope.
Each poem
Is a promise,
I will heal,
Whatever broke.
-garima-
Casting reflections
upon each other
of each other..
In a world full of mirrors,
We stand apart!
In this world full of mirrors ,
to be saved is
To be shattered,
To lie together
In this unreflected dark!-
जिंदगी ज़रा उलझ सी गई है,
भाग दौड़ की धूप में झुलस सी गई है,
अब तो पैर के छाले भी दर्द नहीं करते,
नींद भारी इन आंखों में सपने नहीं पलते,
बस रह गया है अपने दिल को टूटने से बचाना,
अब वो पहले से आशिक़ भी कहां हैं मिलते!...
-garima
-
आज ख़ामोशी मुझे तेरी खंजर सी लगती है,
यह जमीं इश्क़ की बंजर सी लगती है,
इस कड़कती ढंड में तस्वीर तेरी अज़हर सी लगती हैं,
अब तो तोड़ दिए हैं भगवान और अल्लाह से सब नाते...
अब तो तेरी कब्र भी मंदिर सी लगती है!.....
-garima
-
अब क्या ही करते मर्ज - ए मोहब्बत का,
दवा भी तो दीवाने को ना मंजूर थी,
हकीम के पास ले जाए, या जाए किसी डाक्टर पे
सबने जवाब दे दिया
क्योंकि....
'मर्ज की जड़ मेहबूबा के नैनो का तीर थी'!
गरिमा
-
एक हसीन शाम तू मेरे नाम कर जाए...
जहां गुज़रे ना लम्हा और वक़्त वहीं ठहर जाए...
तेरे होंठो के लिफाफे में मेरे होंठ बंध जाए...
और आंखों ही आंखों में यह अल्फ़ाज़ बह जाए.. ।-
तन से जो जुड़ा मैं उसके,
तो सुबह मुड़ चला..
रूह को छूली एक दिन,
तो सदियों के लिए उसमे...
क़ैद हो गया...!-
Let us tell our daughters
which touch is good or bad
let us allow them
to choose their own match
let us believe them..
when they say 'uncle' touched!
let them be confident
and don't confine them that much
let us tell our daughters
u matter for us so much
let us assure them
you are not only for your
breast and bust!
let us tell our sisters
didi speak up for that 'touch'
let us tell our daughters..
ur voice does'nt mean to quiver
'Ah! more!
let us tell our daughters
we stand with you always....
let us tell our daughters...
whether hindu or a muslim
whether raped or threw away
whether mine or yours...
U will be my daughter always...!♥️
-garima-
कुछ साल बाद , यह यार भी बिछड़ जाएंगे
मंजिलों की तलाश में ,हम पंछी भी पर फैलाएंगे
पहले होंगी हर माह, बात यारो से एक वारी
मुस्कुराएंगे हम याद कर अपनी यारी....
फिर वक़्त के साथ सब धुंधला पड़ जाएगा
कुछ ही मौकों पे अपना किस्सा याद आयेगा...
मंजिलों की दौड़ में सब पीछे छूट जाएंगे
मन ही मन याद कर हम फिर मुस्कुराएंगे...
यार मेरे हर लम्हा हर पल याद आयेंगे...
देखेंगे जब अपने बच्चो को कॉलेज जाते यूहीं
फिर वो किस्से कहानी बिजली की तरह कौंध जाएंगे....
यार मेरे एक बार मुझे फिर याद आयेंगे...!-
फिर ज़रा नज़रों के जाम पिला दीजिए,
होश मेरे उड़ा दीजिए..
अब छोड़िए भी यह बेरुखी,
तनिक ज़रा मुस्कुरा दीजिए...
बात अफसाना ना बन जाए,
इस कदर ना हवा दीजिए...
आइए ज़रा खुल के मिलिए गले,
यह तकल्लुफ का पर्दा हटा दीजिए...
कब से खड़े हैं राह - ए - दीदार में,
अब तो ज़रा जलवा बिखेर दीजिए...!
-garima
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