चेहरा देख कर इंसान पहचानने की कला थी मुझमें,
तकलीफ़ तो तब हुई जब इन्सानों के पास चेहरे बहुत थे।-
Vaidehi Datey
(Vaidehi Datey)
124 Followers · 112 Following
A Professor n Writer
Joined 8 April 2020
3 JAN 2022 AT 22:58
24 DEC 2021 AT 22:35
मैं स्याह रंग की दिवानी हूँ..
रंग बिरंगी लोगों में जचती नहीं !!!-
2 AUG 2021 AT 0:01
इस शोर सी है भरी ज़िन्दगी मे...
दो पल का सुकून सा इश्क़ होता है !!! ❤️-
18 JUL 2021 AT 23:30
कारीगर हूं साहेब,
शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ...!
किसी को बेकार,
किसी को लाजवाब नज़र आता हूं...!!!
-
24 APR 2021 AT 23:50
His pillow is hard, but his heart is soft. Our pillows are soft, but what about our hearts?... -
-
22 APR 2021 AT 23:15
कैद खाने है बिन सलाखों के,
कुछ यूं चर्चे है तुम्हारी आंखों के ❤️-
22 APR 2021 AT 22:49
लोग करते है मेरी खामीयों का
तस्करा इस तरह ,
की वो अपने अमाल मे फ़रिश्ते हो जैसे !!
-