Vaibhavi Kulkarni   (Pixie ✨)
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Joined 7 March 2021


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Joined 7 March 2021
15 FEB AT 1:10

सुनकर भी अनसुना हर नगमा मेरा अब गाऊं कहां?
टूटे कांच सी बिखरी है जिंदगी अब जाऊं कहां?
खो गए किरदार कई ,नक्श है कुछ बदले से,
सौतेली सी किस्मत को मेरी कैसे आजमाऊं यहां?
हर कोई गुमनाम सा है, हर अच्छा कुछ बदनाम सा है,
बेरंगे सतरंग को अब मैं फिर रंगो में लाऊं कहां?
पास नहीं तो जुदा है, पास होकर भी क्यों तनहा है?
दोराहे से रिश्तों में अब मैं अपनापन ले आऊं कहां?
धूप सनी है छावो में, काटें हैं बिखरे राहों में,
इस उजड़े रेगिस्तान में अब सावन का बसेरा पाऊं कहां?
अपनी चाल भी समेट चलूं पर पग अपने भी रखूं कहां?
बिखरी सी है हारी जिंदगी, अब जाऊं तो जाऊं कहां?

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10 JAN AT 21:40

कोई ढूंढ दो हमें
हम कुछ यूं गुमशुदा हैं।
खुद को खोजने निकले थे
आज खुद लापता हैं।
कहां खोजें उजाले
इन अंधियारी गलियों में?
यहां हर जलता दीया
अपनी कालिक में सना है।
थामने यहां
हाथ मिलते कहां हैं?
साथ चल रहा यहां
हर कोई अकेला है।
कैद तो नहीं पर
ना ही पंखों के निशां है।
बस ख्वाहिशों में दिख रहा
खुला एक आसमां है।
खुले इस आसमां में
मेरी ही परछायियां हैं।
खुदको खोजने निकले थे
आज खुद ही लापता हैं।

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2 JAN AT 23:08

Sit beside me
I wanna lay my head on your shoulder.
With your head touching mine
I wanna heal...
With you.

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14 SEP 2023 AT 21:35

रणभूमि में गूंज उठी
एक हर हर महादेव की बोली
ना शस्त्र कोई कर सके प्रहार
ना तलवार चले ना गोली
मृत्यू का अवतार धार कर
जब वो सामने आई
भयभीत शत्रु ने रण तल छोड़कर
अपनी जान बचाई
लिखतें हैं - " वो रुद्र रूप था जैसे जीवंत ज्वाला,
रक्त में लिपटा शरीर था पर मन था हिम्मत वाला,
तलवार के प्रहार से अपनी हर बुरी नजर हटाई थी
ऐसे धैर्य की एक ही शक्ति महारानी लक्ष्मीबाई थी।

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30 JUL 2023 AT 8:48

कोई साया भी न हो साथ अगर
तू अपनासा अफसाना दे।
कोई बात ना हो गर करने को
कुछ कहने का बहाना दे।
हर गम तू ख़त्म कर जा
ऐसा कोई अर्ज़ नहीं,
गर कोई रोकने वाला न हो
फिर भी इन अश्कों को एक ठिकाना दे।
अपनी ही धुन में गाएं
तू ऐसा कोई तराना दे,
दिल सरमाया ख्वाबों का
इसे खुला एक आशियाना दे।

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26 JUL 2023 AT 20:01

अश्क न बहे तो गम नहीं
ना मुस्कुराए तो खुशी
इस दिखने दिखाने की दुनिया में
बस नकाब पहने चल रहें हैं।
ना ठोकर है लगती
ना लगतें हैं लब्ज़ इस दिल पर
कहीं ये घाव ना दिख जाए
यहीं खयाल लेकर चल रहें हैं।

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20 JAN 2023 AT 0:02

तू सांज वार्ता जणू मी डोह चांदण्यांचा.
तू अंतरीचा वेळू मी भाव पापण्यांच्या.
तू साद या मनाची तूच आभासी शहारा.
मी रात काजव्यांची तू स्पंदनी इशारा.
तू मेघ या नभात तूच गंध या फुलांचा.
तूच उनाड एक खेळ जणू उन्ह सावल्यांचा.
तू बोल या मनाचे तूच सूर हृदयात.
मी पाऊल पडते पुढे अन तू गीत पैंजणात.
झुळूक ही तूच....तूच तुफानी हा वारा.
वादळ ही तूच....तूच निश्चल किनारा.
तू गाज समुद्राची तूच भरतीची लाट.
तू तळ धैर्याचा तूच विश्वासाचा पाट.
तू हास्य या मुखीचे तूच आसवे डोळ्यांत.
तू भाव या मनीचे तूच या कणाकणात.

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7 AUG 2022 AT 11:35

Friendship isn't what we celebrate on a day;
Friends are something that make us celebrate every single one of them.

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11 JUL 2022 AT 22:32

The cold froze my heart....
The wind left it broken
Pieces shattered like hail
There's been a storm on a sunny day.

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20 JUN 2022 AT 21:27

कुछ इस तरह ए दोस्त
खोजते रह जाओगे हमें
लेकिन हाथ कुछ न आएगा।
हमने जान लूटा दी तुमपे
यूं फकीरों की तरह
कभी सोचा भी न था कि
वो ये अंजाम लायेगा।
बेवफ़ा तो थे ही तुम
मगर यूं दिल तो न तोड़ते
कुछ ऐसा ज़ख्म दे गए हो
जो ता उम्र साथ कर जायेगा।
हज़ार पुकारें लाखों कोशिशें
हमें वापस ले आए भी तो
घायल हुआ मृत मन मेरा
वही दफ़न रह जायेगा।
नया सवेरा नई आशाएं लाएं
ये आस लिए चल पड़े हैं
फिर अंधेरे से शायद ही
ये दिल मुकर पाएगा।

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