उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मा'लूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
निदा फ़ाज़ली-
Vaibhav Singhal
(v4vaibhav)
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An engineer by degree
Wanderer by circumstances, an observer, daydreamer and a naïve writer... read more
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Joined 8 June 2018
20 MAR 2021 AT 10:28
4 MAR 2021 AT 20:14
प्रेमी ढूँढ़त मैं फिरौं, प्रेमी मिलै न कोइ!
प्रेमी कौं प्रेमी मिलै, तौ सब विष अमृत होइ!!
- कबीर-
22 DEC 2020 AT 19:30
मतलब ये कि भूला नहीं हूँ,
ये नहीं कि याद आते हो..
पहले सबसे पहले तुम थे,
अब तुम सब के बाद आते हो..-
20 DEC 2020 AT 13:25
.
ऐसी सर्दी है के सूरज भी दुहाई माँगे
जो हो परदेश में वो किससे रज़ाई माँगे
~ राहत इंदौरी-
9 DEC 2020 AT 20:38
Nazar Na Aaye To Uski Talaash Mei Rehna
Kahi Mile To Palat Kar Na Dekhna Usko
― Naseer Turabi-
7 DEC 2020 AT 7:49
नजदीकियों में कभी दूरी का एहसास होता है
कभी दूरियाँ नजदीकियाँ बढ़ाती हैं..-
28 OCT 2020 AT 11:50
बात बात पे मत रूठो मेरे अभिमानी,
लो खुश हो जाओ गलती मैंने सारी मानी..
Subhadra kumari chauhan-
22 OCT 2020 AT 9:06
बहुत नजदीक हूँ मैं तुम्हारे
तुम ख्यालों के रास्ते बुला के देख लो..-