कभी रिमझिम सी तो कभी ओलों सी बरसती हो।मिट्टी की खुशबू बन कभी यादों सी महकती हो। -
कभी रिमझिम सी तो कभी ओलों सी बरसती हो।मिट्टी की खुशबू बन कभी यादों सी महकती हो।
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अंधेरों का एक घर है मेरे मन आंगन में बीते लम्हों की रोशनी से गुलजार है हम -
अंधेरों का एक घर है मेरे मन आंगन में बीते लम्हों की रोशनी से गुलजार है हम
मुझे लोगों की भीड़ से मतलब नहींजो एक शक्श दिल से निभाएं वहीं रिश्ता काफी है -
मुझे लोगों की भीड़ से मतलब नहींजो एक शक्श दिल से निभाएं वहीं रिश्ता काफी है
जो भी था, जैसा थासाथ तेरा, कुछ ऐसा थामहफ़िल में, अंजानो सामेरे अपनों में, दीवानों सा इश्क मेरा सच्चा था,तेरा नहीं, ना सहीपर मेरा तो अच्छा था ।। -
जो भी था, जैसा थासाथ तेरा, कुछ ऐसा थामहफ़िल में, अंजानो सामेरे अपनों में, दीवानों सा इश्क मेरा सच्चा था,तेरा नहीं, ना सहीपर मेरा तो अच्छा था ।।
यह शाम जंवा हो जाती थी,जब आप मेरे थे साथ कभीअब शाम का आलम ऐसा है,तन्हाई संग है याद तेरी -
यह शाम जंवा हो जाती थी,जब आप मेरे थे साथ कभीअब शाम का आलम ऐसा है,तन्हाई संग है याद तेरी
लौट आये हैं फिर..!अपनी उसी कैद-ए तनहाई में..!!ले.. गया था कोई..!अपनी महफिलों का लालच देकर..!! -
लौट आये हैं फिर..!अपनी उसी कैद-ए तनहाई में..!!ले.. गया था कोई..!अपनी महफिलों का लालच देकर..!!
यह इश्क है तो इश्क का, इजहार करो तुम,यह चाहतों का दौर है , तो प्यार करो तुम..!! -
यह इश्क है तो इश्क का, इजहार करो तुम,यह चाहतों का दौर है , तो प्यार करो तुम..!!
लोग जलते रहे मेरे मुस्कान पर,मैंने दर्द की अपने नुमाईश ना किया !जब जहाँ जो मिला अपना लिया,जो न मिला उसकी ख्वाहिश न किया !! -
लोग जलते रहे मेरे मुस्कान पर,मैंने दर्द की अपने नुमाईश ना किया !जब जहाँ जो मिला अपना लिया,जो न मिला उसकी ख्वाहिश न किया !!
सिखा दे मुझे भी ये हुनरऐ समंदरकैसे लड़ता है तू तूफानों सेअंदर ही अंदर -
सिखा दे मुझे भी ये हुनरऐ समंदरकैसे लड़ता है तू तूफानों सेअंदर ही अंदर
जिंदगी को खुलकर जीने के लिएएक छोटा सा उसूल बनाएरोज कुछ अच्छा याद रखें औरकुछ बुरा भूल जाए -
जिंदगी को खुलकर जीने के लिएएक छोटा सा उसूल बनाएरोज कुछ अच्छा याद रखें औरकुछ बुरा भूल जाए