Vaibhav   (©Invisible_ink✍🏻)
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कुछ कहानी तो कुछ दिल के
ज़स्बात लिखते हैं…
हम बस अपने कल और मन
के हालत लिखते हैं…
Joined 7 December 2017


कुछ कहानी तो कुछ दिल के
ज़स्बात लिखते हैं…
हम बस अपने कल और मन
के हालत लिखते हैं…
Joined 7 December 2017
23 FEB AT 21:46

सुनो कुछ लिखा है
पढ़ पाओगी क्या
आसान से शब्द हैं मेरे
अर्थ समझ पाओगी क्या
लब्ज़ो से तो नहीं कह पाया
आँखें में देख पाओगी क्या
सुनो कुछ लिखा है
पढ़ पाओगी क्या

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11 JAN AT 22:53

उसकी तस्वीर को तकदीर से
जोड़ना है
कुछ इस तरह जिंदगी का रुख
मोड़ना है

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5 JAN AT 10:25

जो लिखना शुरू करूँगा तो
लिखता ही चला जाऊँगा
तेरी मेरी कहानी शब्दों में ख़त्म
नहीं हो सकती

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18 AUG 2023 AT 8:23

सुनो एक उलझन है
सुलझाओगी क्या
लब्ज़ो से नहीं कह पा रहा हूँ
नज़रे पढ़ पाओगी क्या
दिल की बढ़ती धड़कन
महसूस कर पाओगी क्या
लड़खड़ा रहा हूँ, ज़िंदगी के
मुश्किल रास्तों पर
हाथ थाम कर सम्भाल पाओगी क्या
सुनो एक उलझन है
सुलझाओगी क्या

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4 JUL 2023 AT 23:06

मैंने लब्ज़ों से ज्यादा शब्दों को अपनी
ज़िंदगी का हिस्सा बनाया है
वो सब कुछ मेरे शब्द कह गये जो कभी
ज़ुबान पे न आया है
और चलो माना…
ख़ामियाँ बहुत है मुझमें, कुछ आदतें ख़राब हैं
हाँ मगर जो कभी मिले वक़्त तो
झाकना इस दिल में समझ आएगा तुम्हें
मेरी बातें सिर्फ़ कहने के लिए नही हर एक शब्द
के पीछे छुपा एक अलग राज़ है

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4 JUL 2023 AT 18:15


तुम्हारी शिकायत करूँ भी तो किससे करूँ
मन दिल दिमाग़ सब तुम्हारे ग़ुलाम हैं
जानता हूँ, क्या होगा अंजाम जाने फिरभी क्यों
तुमसे बातें करने को दिल चाहता है
आँखें सिर्फ़ तुम्हें मुश्कुराते देखना चाहती हैं
नींद भी तुम्हारे ख़्वाबों के लालच में आती है
और क्या कहूँ तुमसे बस इतना समझ लो
हक़ीक़त हो या ख़्याल सब तुमसे शुरू और
तुम पे ख़त्म हो जाती है

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7 MAY 2023 AT 23:07

चेहरे पे झूठी मुश्कान लिये
फिरता हूँ
दिल में चल रहे तूफ़ानों का क्या करूँ
कहने को तो हाज़िर जवाब हूँ
मन के सवालों का क्या करूँ
आँखों पर तो चश्में का पहरा है
छलकते इन आसुओं का क्या करूँ
ना कोई मंज़िल है ना कोई राश्ता
समझ आ रहा है
चलती चली जा रही इस ज़िंदगी का
मैं क्या करूँ

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7 MAY 2023 AT 22:55


बस
अब नहीं कहना कुछ भी
नहीं रहना साथ एक पल भी
यूँ तो साथ निभाने की कोशिश
पूरी की मैंने
शायद तुमने ही नहीं समझा कुछ भी

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16 APR 2023 AT 21:39


वो मेरी ख़ुशियों की चाभी
मुश्किल में सहारा है
अब कैसे बताऊ उसे
साथ बस यही तक नहीं
सफ़र लंबा हमारा है

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14 APR 2023 AT 21:29

मेरे ज़ख्मों पे उसकी मुश्कुराहट
मरहम का काम करती है
वो साथ ना हो कर भी हर पल
साथ होती है
और क्या बताऊ उसके बारे में
बस इतना की आशुओं की बरसात में वो
किसी छाते के समान जीना मेरा
आसान करती है

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