kuch h majboori, kuch is dil ki saza h
Dil se ye pucho, kyu dil se khafa h-
Words are reason to smile
My world is you
You are my music
You are m... read more
कैसे मैं ये कहूँ, क्या अहसास होता है
जो है खफा हमसे, वही क्यों ख़ास होता है-
हँसी में तेरी जाने कितनी कलियों की मुस्कान है
पलकों से इस कदर चांदनी झलक रही
देख तुझे ये शाम भी बेईमान है
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टूटा हूँ मैं खुद में, हूँ खुद से ही खफा
ऐसा भी है किया क्या मैने अ खुदा-
गीता के सार सी बातें मेरी
वो कुरान की आयत सी थी
एकसी होकर भी जैसे एक ना ये
मुझे मिली ऐसी ही वो रिवायत थी-
Crushing on someone is not a wrong feeling.........
It is just a childish feeling to feel better because of someone
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कैसे मैं ये कहूँ , क्या अहसास होता है
है जो खफा हम से, वही क्यों ख़ास होता है
मोड़ जिधर से भी, मैं अपनी नज़रें लता हूँ
खामोश सूरत तेरी अपने पास पता हूँ
तू कहदे अगर तो लादूँ तुझको जग सारा
ना सता मुझको, आजा इक बारी तू यारा-
कहता जग, है ग्वालिन तू
मेरे लिए राजकुमारियाँ अनेक हैं
राधिका को भूले कृष्ण अब कैसे
वही तो उसका विवेक है-
इस बेखयाली में मर चुकी साँसें जो
उन को मैं ज़िंदा करूँ कैसे
गुज़रूँ जब तेरे करीब से तो लगता है
तेरी नज़रें मुझसे गिला कर रहीं हों जैसे-
रोक लेता हर पल पीछे हटने से जो
वह ह्रदय भी तो उसका ना था
जाने लड़ी कैसे जग से मीरा
साथ तो उसके भी कृष्ण का ना था-