Vaibhav Dwivedi  
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Joined 13 December 2019


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Joined 13 December 2019
14 APR AT 20:32

I want to try everything, I want to try,
I can fail but I don't want any opportunity deny,
I will fall down but wanna go high,
I want to try everything, I want to try.

During Failure Sometimes I wanna cry,
I will fall down again and again but I want to reach the sky,
I don't want any regrets,I don't want to be that guy,
I want to try everything, I want to try.





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14 APR AT 20:18

जाने पता नहीं कोई हूर हो या मेरा ख्वाब हो तुम?
तेरी नयन को देख चढ़ जाता ऐसा नशा जैसे पिया कोई पुरानी शराब हो तुम,
जिसे कभी पढ़ कर मन न भर पाए ऐसी किताब हो तुम,
जाने पता नहीं कोई हूर हो या मेरा ख्वाब हो तुम?

मेरे अंधेरी रातों में चमकता ऐसा महताब हो तुम,
जिन सवालों का ढूंढ रहा था मैं,हो गयी वो जवाब हो तुम,
तुम्हारी खूबसूरती को कोई बयान न कर सके ऐसी शबाब हो तुम,
जाने पता नहीं कोई हूर हो या मेरा ख्वाब हो तुम?

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25 MAR AT 9:36

होली आई है,थोड़ा सा रंग लगा के रंग में रंग जाओ,
बुरा न मानो होली है,सारे परीशानियाँ छोड़ कर खुशियाँ मनाओ,
रंगो और उल्लास सा भरा हो आपका होली का त्यौहार,
रंग लगाकर रंग में झूम रहा ये संसार,
मेरी तरफ ये होली की बहुत बहुत बधाइ हो,
ये रंगो के साथ आप सबके जीवन में खुशियाँ आई हो।

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25 MAR AT 9:34

होली आई है,थोड़ा सा रंग लगा के रंग में रंग जाओ,
बुरा न मानो होली है,सारे परीशानियाँ छोड़ कर खुशियाँ मनाओ,
रंगो और उल्लास सा भरा हो आपका होली का त्यौहार,
रंग लगाकर रंग में झूम रहा ये संसार,
मेरी तरफ ये होली की बहुत बहुत बधाइ हो,
ये रंगो के साथ आप सबके जीवन में खुशियाँ आई हो।

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7 FEB AT 17:24

जिंदगी के सफर में किसी मुश्किल से कभी घबराओ नहीं,
हौसलों के पर बनाकार अपनी मंज़िल में उड़ जाओ यहीं,
अपने दिल में जल रही चिंगारी को आग को बनाओ यहीं,
सफलता पा कर कभी अपने असफलता को कभी भूल जाओ नहीं,
हौसलों के पर बनाकार अपनी मंज़िल में उड़ जाओ यहीं,
हौसलों के पर बनाकार अपनी मंज़िल में उड़ जाओ यहीं।

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7 FEB AT 17:15

कैसे जाने मुझे तुमसे इतना इश्क़ होने आया,
न जाने तुमने मेरा कब मेरा दिल मुझसे ही चुराया,
न जाने तेरा हर एक चीज़ मुझे इतना इतना भाया,
तुमने मुझे मोहब्बत करना सिखाया,मोहब्बत करना सिखाया,
तेरे आने से हुई मेरे जीवन में इश्क़ की बरसात,
पता नहीं ये इश्क़ है या नहीं पर बहुत अच्छे लगने लगे ये जज़्बात।

तेरा मुझ पर हुआ ऐसा असर,हुआ ऐसा असर,
इश्क़ की बारिश से न रहा मेरा ये दिल बंजर,
करना चाहूं तेरे संग तेरा ये सफ़र,ये सफ़र,
चाँद भी शर्मा जाये तेरी ऐसी ये नज़र,ये नज़र,
पता नहीं चले कब तुझ संग गुज़र जाती ये रात,
पता नहीं ये इश्क़ है या नहीं पर बहुत अच्छे लगने लगे ये जज़्बात।


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22 JAN AT 10:13

रघुकुल रीत सदा चली आई,प्राण जाए पर वचन न जाई,
चौदह बरस बाद लौटे श्री राम जी तो सारे जहां ने दीप जलाई,
थीं सीता जी जिनकी अर्धांगिनी और थे लक्ष्मण जिनके भाई,
प्राण प्रतिष्ठा में भक्तों ने अयोध्या को फूलों और दीपों से सजाई,
मर्यादा से बढ़कर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी अयोध्या लौटकर खुशियाँ वापस आई।

भगवान श्री राम जी की गाथा महर्षि वाल्मीकि ने सुनाई,
ख़ुशी के दिन बांटों हर लोगों को मिठाई,
भगवान् श्री राम जी के भक्ति में भक्तों ने ये परम्परा नहीं भुलाई,
जब लौटे चौदह बरस बाद,भक्तों ने ख़ुशी में दिवाली मनाई,
मर्यादा से बढ़कर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी अयोध्या लौटकर खुशियाँ वापस आई।


है भगवान श्री राम जी कण कण में सच्चाई,
भगवान श्री राम जी ने भक्त शबरी कि झूठी बेड़ भी खाई,
खुशकिस्मत है वो जिसने सच्चे दिल निष्ठा से प्रभु श्री राम कि भक्ति पाई,
प्रभु हनुमान जी के सीने में बसे श्री सियाराम सीना चीर के दिखाई,
मर्यादा से बढ़कर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी अयोध्या लौटकर खुशियाँ वापस आई।

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10 JAN AT 9:54

ऐसे ही है मेरे भारत की अमर - कहानी,
यहाँ पर है हर संस्कृति से जुड़ी निशानी,
ग़ुलामी से आज़ादी के सफर में भारत ने न कभी हार मानी,
माँ से पहले देश मांगे तो हर जन्म में वापस आकर देंगे कुर्बानी,
हैं हिंदुस्तानी,जमीन से दूर हो के भी दिल से हिंदुस्तानी।

चाँद के अनजान हिस्से अपने लगन से पहुंचे ये हिंदुस्तानी,
आज़ादी के लिए रानी लक्ष्मीबाई हुई विरानी,
देश की मिट्टी का क़र्ज़ हुई मुझे चुकानी,
हर जन्म लेकर भी नहीं लगती ये भारत माता क्यूँ अनजानी,
देश है आज़ाद और बना 26 जनवरी को सविंधानी,
हैं हिंदुस्तानी,जमीन से दूर हो के भी दिल से हिंदुस्तानी।

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4 JAN AT 14:58

घर से निकलते ही एक बात दिल में आई,
तुझे मिलते ही जाने क्यों मेरे होठों पर मुस्कराहट आई,
तेरे आने से मेरे ज़िंदगी में,जाने कितनी खुशियाँ आई,
तुझसे मिलते ही न जाने कैसी रूह को राहट आई,
मैंने मेरे दिल से तेरे लिए ये बात फ़रमाई,
देखो हम से मिलने ये इश्क़ की बारिश आई।

तुम्हारे लिए वक्त थामकर मैं रुका हूं यहीं,
सिर्फ माँ और तेरे लिए के सिवा किसीके लिए झुका हूं नहीं,
कदम से कदम चलते चलते तु मेरा पास आई,
तेरे आने से तूने मेरे प्यार की प्यास बुझाई,
तुझे मुझको हर जन्म में मिले,मैने रब से सिफारिश पाई,
देखो हम से मिलने ये इश्क़ की बारिश आई।







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27 NOV 2023 AT 6:40

दिल तोड़ने के बाद क्यूं मेरे जिंदगी में वापस आई हो?
जहां भी तेरा ये साया मिल जाता, दूर न जाती ये तन्हाई हो,
याद नहीं होगा तुझे मेरे दिल को तोड़कर कितनी बार रुलाई हो,
चाहता हूं तेरे इश्क़ के ज़ख्म से मिल जाए मुझे रिहाई हो,
चाहता हूं तेरे इश्क़ के ज़ख्म से मिल जाए मुझे रिहाई हो।

मुझे पसंद नहीं हर चीज़ जिसने तेरी याद दिलाई हो,
तेरे संग बिताए लम्हों में दिखती मुझे तेरी ये बेवफ़ाई हो,
तेरे नफरत में मैंने तुम्हारी हर तस्वीर को जलाई हो,
चाहता हूं तेरे इश्क़ के ज़ख्म से मिल जाए मुझे रिहाई हो,
चाहता हूं तेरे इश्क़ के ज़ख्म से मिल जाए मुझे रिहाई हो।






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