खो गईं हूं उस खामोशी में
जहाँ हर पल में व्यस्त रहती हूँ
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वही ख़्याल लिख देती हूं,
उन सभी का धन्यवाद जो मेरे वि... read more
नींद ने आग़ोश में तो लिया हैं
मगर एक जिम्मेदारी ने जगा रखा हैं
जिम्मेदारी पूरी कर तो रहें हैं
लेकिन डर पूरा साथ निभा रहा हैं
डर से ना डरू अगर तो
लापरवाही का डर सता रहा हैं
लापरवाह हुए अगर....तो जो सपना बुना था वह
सपना टूटते हुए नज़र आ रहा हैं.........-
कोई हैं क्या
कुछ बात करनी हैं......
मन बुझा सा लग रहा हैं
मन खाली सा लग रहा हैं...
.......यह वो दोस्त पूछ रहा हैं, जो हर वक़्त दूसरों का साथ देता था-
ख़ामोशी बिखरी हुई सी हैं
कुछ तो उधेड़बुन गुथी हुई सी हैं
ना जानें मन क्यों बोझिल हुआ सा जा रहा हैं
कुछ तो बातें मन खुद से ही खुद किये जा रहा है-
मेरी ख़ामोशी चीखना चाहती हैं
मेरी ख़ामोशी बात करना चाहती हैं
मेरी ख़ामोशी बस ख़ामोश नहीं रहना चाहती-
जब वो निकलती हैं ना
तब तुम छुप जाया करो
मुझे
एक साथ दो चाँद देखने की आदत नहीं हैं-
जिंदगी में हम जितने खुद के प्रति समर्पित हो जाये ना तो जिंदगी हमारा आदर करने लग जायेगी
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मेरे प्रीत हो तुम,मेरे मीत हो तुम
मेरी जिंदगी का संगीत हो तुम
मेरी जिंदगी का वो हिस्सा हो
जो कभी मुझसे जुदा नही होगा
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चाँद अपनी चांदनी की तलाश में
ओर चाँदनी अपने चाँद की
दोनों को नहीं पता वह दोनों एक दूसरे में
शामिल हैं-