V Srivastava   (Vinod Srivastava)
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Joined 16 July 2020


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Joined 16 July 2020
17 APR AT 12:19

भर के आंखों में सपने दिखाया मुझे
और मैं लुट गया उसके दीदार में
तू बहुत झूठ है दर्द देता गया
और मासूम मैं लुट गया प्यार में

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26 MAR AT 17:04

तुम न समझोगे तो क्या कोई तो समझेगा मुझे
धड़कनों के लफ्ज़ का जिसको पता होगा

- विनोद श्रीवास्तव

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14 FEB AT 15:20

प्यार शोला प्यार शबनम
प्यार दिल का करार है
ज़िंदगी की पतझड़ों का
खुशनुमा सा बहार है
प्यार सुख है प्यार दुख है
प्यार ही संसार है
मत इसे शब्दों से तौलो
प्यार तो बस प्यार है

- विनोद श्रीवास्तव

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6 FEB AT 9:00

बह रहा तूफां निरंतर घात और प्रतिघात का
कौन दीपक बन जलेगा इस अंधेरी रात का

- विनोद श्रीवास्तव

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31 JAN AT 9:46

ये जो लमहे शिकायत करेंगे कभी
दिल के जज्बात से क्या कहेंगे कभी
लफ्ज़ खामोश से थरथराएंगे जब
खुद को खुद से मोहब्बत करेंगे कभी

यूं तो खुद्दार थे पर दिखा ना सके
वक्त पर वक्त को अपनी औकात भी
जब वफा पर सवालात उठने लगें
जो तुम्हारे थे वो क्या रहेंगे कभी

लिख के काग़ज़ पर ख्यालात रखने से क्या
बोलना भी जरूरी है दिल के लिए
हो के खामोश बैठोगे जो इस तरह
आशियां आग में जल उठेंगे कभी

- विनोद श्रीवास्तव 




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30 JAN AT 10:04

सजा मिलती रही है जुर्म की फेहरिस्त भारी है
जुबां होती नहीं चुप बस यही गलती हमारी है

- विनोद श्रीवास्तव

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28 JAN AT 20:44

न कर मनमानियां ऐ दिल जमाना देखता है
अभी तेरी हवा है मगर मौसम बदलता है

- विनोद श्रीवास्तव

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20 JAN AT 20:46

मरता है इक जनम में कई बार आदमी
जीता है कई रंग का किरदार आदमी
है आदमी भी आदमी दानव भी आदमी
करता है आदमी का भी शिकार आदमी

- विनोद श्रीवास्तव 

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31 DEC 2023 AT 10:59

बदलती तारीखों के संग
महीने दर महीने बन
गुजर ही तुम गए आखिर
गुजरना तेरी फितरत है

- विनोद श्रीवास्तव

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21 DEC 2023 AT 13:08

अब न खिलेगी कोई चंपा
अब न बसेगा बाग
मौसम बदला बदला सा है
हवा में बहती आग

अब पानी में तत्व नहीं है
माया मोह ममत्व नहीं है
मर जाएगा सोते सोते
जाग सके तो जाग

मस्तक में मदिरालय छाया
उन्मादी बन जग बौराया
राग भैरवी बहकी बहकी
बदल गए सब राग

- विनोद श्रीवास्तव

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