Meri Wafa Watan K liye Kya Hogi,
Mulk Se Mohbbt Ki Nishani Or Kya Hogi
Chumte Hai Sajdo Se Zamin Namazo Me
Zazba-a Watan Ki isse Bahtr Nishani Or Kya Hogi...❤️
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तेरी बातो में घुलना चाहता हु,
सुना है फिर लॉकडॉउन हो रहा है,
तुमसे उसे पहले फिर मिलना चाहता हु....❣️-
इश्क में हारा हूं लेकिन खुद से नहीं हारा हूं मैं जैसा भी हूं ठीक हूं पर पहले जैसा नहीं हूं तुम कर लो लाख कोशिश मुझे अपना बनाने की मैं सबका हूं मगर अब तुम्हारा नहीं हूं।
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Mohabbat ki hai tumse,
Befikr raho,
Naraazgi ho sakti hai,
Par नफरत kabhi nahi hogi!❣️
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लोग कहते हैं, तुमने उसमें क्या देखा ?
मैंने कहा जब उसे देखा, उसके बाद कुछ नहीं दिखा !-
Mujhe Bhahetreen nahi Bas Wahi Chahiyye
Jis Mein Mere Allah Ki Raza Ho❣️-
Mai Shayar To Nhi, Par Shayar Banna Chata Hu
Mere Pass Koi Lafaz To Nhi,
Mai Lafaz Banana Chata Hu...☺️-
तुम दिल मे रहो और मेरे ही रहो इतना ही काफी है //
मुलाकात की हमे इतनी जरूरत भी नही //
एक तेरा ख़्याल ही तो बचा है मेरे पास,
वरना कौन अकेले यूं बैठकर मुस्कुराता है।-