Uttam Singh   (उत्तम सिंह)
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A BHARTIYA CREATIVE THINKER.
Joined 25 November 2017


A BHARTIYA CREATIVE THINKER.
Joined 25 November 2017
1 NOV 2022 AT 11:35

असत्य की अदालतों में सत्य की हार संभव है, लेकिन अपने अंतर्मन की अदालतों में हर गुनाहगार वहां दोषी करार कर ही दिये जाते हैं और पश्चाताप रूपी दंड उन्हें जीवनपर्यंत तक दंडित करते ही रहता है।

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1 NOV 2022 AT 11:18

जिंदगी में प्रसिद्धि के बहुत सारे रास्ते हो सकते हैं। प्रसिद्धि प्राप्ति के भी बहुत सारे शार्टकट तरीके भी हो सकते हैं लेकिन उसे अजमाने से पहले हमें अपने अंतर्मन से हमेशा ही पूछने की जरूरत है कि क्या ये तरीका आजमाना उचित रहेगा? क्या इन तरीकों का अनुसरण करने से हमारे मानसिकता, हमारे सिद्धांत, हमारी प्रतिज्ञा, हमारी छवि और हमारा भविष्य खतरा में तो नहीं पड़
जायेगा?

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1 NOV 2022 AT 10:54

जब हम अपने जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ तात्कालिक फायदा देखने के आदि हो जाते तो प्रायः आनेवाले जिंदगी में हमें उसका दुष्परिणाम ही भोगने को मिलता है। हमें अपने जिंदगी के हर महत्वपूर्ण निर्णय हमेशा संभलकर ही
लेने की जरूरत है।

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25 OCT 2022 AT 11:12

हमारे देश में कोई भी इसलिए पूर्ण सत्य बोलने का साहस या समर्थन नहीं कर सकता क्योंकि हर व्यक्ति अपने-अपने सत्य को हमेशा ही छुपाने के प्रयास में लगे हुए रहते हैं। हमारे देश में हर व्यक्ति प्रत्यक्ष या परोक्ष कोई थोड़ा कम तो कोई थोड़ा ज्यादा कहीं न कहीं नियम
विरुद्ध हैं।

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16 OCT 2022 AT 7:23

हम अपने सुख और दुःख का जिम्मेदार हम खुद ही होते हैं। मेरे समस्त कर्मों का प्रतिफल ही हमें सुख और दुःख के द्वारा प्राप्त होता है।

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13 OCT 2022 AT 13:15

गलत करने वाले तो गलत होते ही हैं गलत करने वाले को अनावश्यक जलील कर अपनी धाक जमाने वाले गलत करने वाले से अधिक गलत होते हैं। हमें गलत करने वाले को उसके गलती का सिर्फ अहसास करवाने की जरूरत है और आगे उसकी गलती से हमें नुकसान न हो ऐसी इम्यूनिटी का विकास करने की जरूरत है।

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5 OCT 2022 AT 10:48

आपके रचनात्मक और परमार्थी विचार ही जो सत्य और न्याय की चासनी से ओत प्रोत हो एक सुंदर, स्वस्थ, जिम्मेदार और सकारात्मक माहौल बनाने में हमेशा मददगार होता है।

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4 OCT 2022 AT 12:31

असत्य पर सत्य, अनाचार पर सदाचार, कुबुद्धि पर सुबुद्धि, असुर पर सुर, आसुरी शक्तियों पर दैवीय शक्तियों की जीत ही विजय दशमी का उद्देश्य है। शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा से विनती है कि विध्वंसकारी शक्तियों से मुकाबला करने और रचनात्मकता को जन-जन तक फैलाने हेतु हमें शक्ति और साहस से परिपूर्ण करें।
।।जय माता दुर्गे।।

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3 OCT 2022 AT 4:42

कोई सोचता होगा कि बकरे की बलि चढ़ाने से माता वैष्णवी खुश होती होंगी तो यह उस इंसान की गलतफहमी है।
एक निरीह जानवर का बलि के नाम पर हत्या कर देना और धर्म के आड़ में अपनी क्षुधापूर्ति करना कहां तक न्यायोचित है?
अगर बलि देना ही है तो बलि दो अपने व्यसनों का, बलि दो अपने अहंकार का, बलि दो अपने समस्त कुप्रवृति का जिससे सामाजिक और वैश्विक शांति भंग होती हो।
जय माता दी

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3 OCT 2022 AT 4:38

शराबबंदी से होटल व्यवसायीयों का व्यवसाय काफी हद तक प्रभावित हुआ है। होटल व्यवसायी खुल कर शराब का धंधा नहीं कर पा रहे हैं। जबकि आमजन को थोड़ा राहत जरूर मिला है। सड़क पर खुलेआम शराब के प्रचारक लगभग अब नहीं मिलते हैं।
शराबबंदी १००% अनिवार्य है ताकि आमजन नशामुक्त रहे और अधिकांश जनता शांतिपूर्ण तरीके से विचरण कर सके।

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