जब आदतन मिरी तस्वीर पे उंगली घुमाई होगी,
फिर बरसात में वो भीगने बाहर तो आई होगी,
ये जो खुशबू फिज़ा में फैल के बहका रही मुझे,
मेरा दिल कहता है कि उसने मेंहदी लगाई होगी..-
Department of Post
Ministry of Communications
Govt of India🇮�... read more
उसको देखने वाले मुझको ये अक्सर बोलते हैं
वो जिन्हें छूकर गुजर जाए, वे पत्थर बोलते हैं
उसके आगे मेरी सारी बातें फीकी पड़ जाती हैं
उसके घुंघरू में न जाने कितने अक्षर बोलते हैं..-
अदाकार होने का ये नुकसान है मुझे,
मेरे रोने को लोग अदाकारी समझते हैं..-
लब्बा जब्बा डब्बा नहीं माने,
लेके आम-मुरब्बा नहीं माने,
उसको बेवफ़ा कैसे कहें हम,
यार उसके अब्बा नहीं माने..-
उम्र बहुत तो नहीं मेरी पर, मैंने खूब जमाना देखा
जिन कदमों के सपने जोड़े, मैंने उनका जाना देखा
मैंने खुदको मरते देखा, खुद ही खुदको आग लगाई
मौत हार कर लौट गई, जब मेरा जखम पुराना देखा-
मेरा चेहरा मेरी दौलत मेरी औकात नहीं देखी,
मेरे हिस्से में है जो दुखों की सौगात नहीं देखी,
बड़ी नादान है अंजान वो दुनिया की रस्मों से,
मुझसे दिल लगा बैठी पर मेरी जात नहीं देखी..-
बेखयाली मन में छा चुकी है, और कलम बेहोश है,
मेरा दर्द बढ़ता जा रहा है, न होश है, न ही जोश है,
मैं भी बन्दा बड़ा कमाल का होता था मेरे यार पर,
कुछ तनहाईयों ने लूटा,कुछ खामोशियों का दोष है ।
✍️ उत्तम दीक्षित-
मेरी मोहब्ब्त का मस'अला, ऐसी बदनसीबी का है,
उसकी यादें 64 जीबी कीं, मेरा दिल 4 जीबी का है..!!
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