दिखावे के इस दौर में कुछ करतब हम भी दिखलाएंगे
सांसे बचें या ना बचें ज़िंदा रहकर हम भी दिखलाएंगे
होगा नहीं एक हद के बाद कोई दिखावा मुझसे,
देना अचानक मेरे मकान में दस्तक तुम कभी,
हम तकिए से मुंह दबाए रोते नज़र आएंगे।
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नाकामियों को भूल कर हौसलों को थाम कर,
इन कांटो पर कदम बढ़ा सर को ऊंचा तान कर।-
रातों के ख़्वाब सी थी तुम,
कब दिन की सच्चाई बन गयी पता ही न चला।।-
मेरा कल इतना खूबसूरत नहीं था
जितना मेरा आज खूबसूरत है,
मैं यह भी जानता हूँ कि मेरा आने वाला कल
मेरे आज से ज्यादा खूबसूरत होगा,
फिर पता नहीं फिक्र किस बात की है मुझे।।-
तू मुक़दमे की तारीख़ सी,
मैं फाइलों में बंद पन्नो सा।
तू भेजी हुई कोर्ट की नोटिस सी,
मैं पेश किया हुआ सुबूत सा।
बन जा तू जज की क़लम,
और मैं बन जाऊं उससे लिखा एक फैसला।।-
जुदाई का खौफ़ मुझे ऐसा आया
हर किसी को खुद से जुदा पाया।
साथ रह गयी अब तन्हा रातें..
जो करनी चाही तन्हाई से बातें
तो तन्हाई को भी खुद से जुदा पाया।।-
तेरी मांगी हुई दुआ कभी उस रब से टकराए या ना टकराए,
तुझपर आने वाली हर मुश्किलों को पहले मुझसे टकराना होगा।-
You left...
and that was all the unconsciousness I dealt with that night.-
Happiness or Sadness really doesn't matters,
Every story is beautiful.❤
(read caption)
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