लिख कर खत,
कई बार मिटा दिया,
ना चाहते हुए भी तुम को भुला दिया।
करना चहते थे इज़हार फिर पता चला कि,
तुम ने तो किसी और को ही
अपना बना लिया ।।
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मुहब्बत के दरिया मे जो
नहां लेता है,
वो आंसुओ से खुद को भीगा लेता है।
टूट कर जिस शख्स को
चाहते है लोग ,
बाद मे फिर वही दगा करता है।।-
हर शख्स की अपनी,
पहचान है ।
कोई थोड़ा तो ,
कोई ज्यादा महान है ।
रहती है कमी हर एक जान मे
तभी तो होती है गिनती इंसान मे।।-
दीवाने को दीवाने की नज़र लग गई ,
मिली निगाह तो तबियत बिगड़ गई।
मिलने गए थे महबूब -ए- यार से ,
मिले जो उनसे तो किस्मत बदल गई।।-
तेरी निगाहों की मस्ती ने यू मस्ताना बना दिया,
हमको तो दुनिया से यू बेगाना बना दिया।
हम तो छूट गए उन इश्क़ की गलियों मे ,
और तूने अपना नया आशियाना बना लिया ।।-
दुनिया मे तो बहुत है हसीना जलवागर ,
आया ना अबतक हमको तुमसा कोई नज़र ।
करो तारीफ महबूब की ,इश्क़ का उसूल है,
आशिक़ कि नज़र मे तो दुनिया ही फिज़ूल है।।-
अरमान मेरे दिल के हर एक पूरे होते
अगर आज जो तुम मेरे पास होते ।
तमाम ख्वाइशो का मेरे जनाज़ा निकल गया ,
जब से मेरा महबूब मुझसे बीछड गया ।।-
उनके लावों की मुस्कुराहट को क्या कहिए ,
मुस्कुराये तो दर्द -ए-दिल की दवा कहिए।।-
दर्द के चिठ्ठे खोल के रख दू आसान थोड़ी है,
ये दिल है मेरा कोई दुकान थोड़ी है ।
और क्या सोचे थे ,नहीं मिलोगे तो मर जाएँगे
अरे! आशिक़ थे ,देवदास थोड़ी है।।-