इन सर्द सवेरों की धूप सा,
सुकून है मुझे तेरे साथ में।-
Utkarsh Gupta
(Utkarsh Gupta)
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Just fabricating thoughts of my engineer mind & ... read more
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Joined 17 May 2017
22 OCT 2021 AT 19:47
मुझको ना मालूम था,
इन आंखों के अलग फसाने हैं,
खो जाएंगे उनमें हम ऐसे दीवाने हैं,
जिस तलक तुझसे नज़रें ना मिली।-
22 OCT 2021 AT 19:40
उसकी शिद्दत किसी इबादत से क्या कम होगी,
जो तुम्हारे साथ होकर तुम्हारी दुआ मांगे,
और तुम्हारे साथ ना होकर भी।-
7 SEP 2021 AT 23:54
उन झूठे वादों को अब तू अन-कहा कर दे,
उसके संग जीने की चाह को अन-सुना कर दे,
ऐ खुदा! उसके साथ की अब दिल को तलब नहीं,
मुझे उसकी यादों से अब तू रिहा कर दे।-
4 SEP 2021 AT 17:42
अब दिल भरता नहीं है,
इन मौसम की बरसातों से,
ये कलम तो प्यास बुझाता है,
इन अश्कों की बौछारों से।-
25 AUG 2021 AT 20:09
ए खुदा तेरी भी क्या दुनिया है,
हर शख्स की कुछ मजबूरियां हैं,
उसकी गली में भी ये नजरें उसे तलाशती नहीं,
कुछ इस कदर अब ये दूरियां हैं।-
30 JUL 2021 AT 0:17
ख़्वाब हैं बड़े - बड़े,
भीतर उनसे बड़ी आग है,
अब सूरज सा चमकना,
या मोम सा पिघलना है,
वो तेरा स्वभाव है।-