जीता रहा हूं अब तक
अब उम्मीद छोड़ी है
देखो दर्द होगा कब तक-
#independent_blogger
#writer_poet_shayar
#proud_to... read more
फिर हो या ना हो क्या फ़ायदा
फिसलती रहती है रेत
मुठ्ठी बंद हो या ना हो क्या फ़ायदा-
वो कहते हैं यूं देखने से क्या होता
अब उन्हें कौन समझाए कि
इश्क़ में जी भर के देखना भी
कोई मुलाकात से कम नहीं होता-
वो अहमियत की बात करते हैं
अब उन्हें कौन समझाए
कि उनके जिंदगी में आने के बाद
राब्ता तो बहुतों से हुआ
पर वास्ता उनके सिवाह किसी से न हुआ-
सिर्फ़ एक तेरे दीदार के खातिर तरसते हैं
वैसे तो पूरा शहर पड़ा है आवारगी के लिए-
अब मेरा ही सख्स मुझसे बात करने से
इतराने लगा है
वजह का तो पता नहीं या बेवजह
सताने लगा है-
हर लम्हा खिंचे थे तेरी ओर
ये इत्तफाकन कोई खेल न था
बेहद पास होकर भी न मिल सके
शायद इस बार वक्त का मेल न था-
जहां का सारा दर्द सिमट जाता है
बस एक बार तेरे गले लगने से
पल भर में ही जी लेते हैं सुकूं के सारे लम्हें
सब संभव है ★ज़िंदगी★ बस तेरे होने से-
Even if I want to get angry with you
and stay away from you-
तेरा मेरा इश्क़
जुड़ा है दो दिलों की
धड़कनों के एहसास से
तुम होते हो बहुत दूर
फ़िर भी हम मिल लेते हैं
बेहद पास से-