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उसकी हर बात को सीने से लगाए बैठे है
सच कहुँ तो उसे दिल मे छुपाए बैठे है।
एक रात काफ़ी नहीं उसके बाहों मे" !
हम तो ताउम्र साथ देने को सर झुकाए बैठे हैं-
गम अपने हारने का नही मुझे
गम तो इस बात का है!!!
हराने वाला कोई अपना है-
कभी आंच तो' कभी हथौड़े की मार को भी सहना पड़ता है!
सोने को भी' ज़ेवर बनने के लिए इस दौर से गुर्जरना पड़ता हैं!-
शतरंज के खेल को' अब एक नए नज़रिये से देख रहा हूँ!
पहले सीखने के लिए खेलते थे'अब जितने के लिए खेल रहा हूँ"-
जब मिले हम तुमसे तो यार "एक बार गले से लगा लेना"
ओर मुसल्सल निगाहें मिले जो तुमसे 'तो अतियातन ही सही नज़रे झुका लेना!-
इश्क़-ए-बाज़ार में मयार देख के आया हूँ'
जो थामे दामन को ता उम्र वो यार देख के आया हूँ'
आप तकलीफ़ से लरज़ते है
"ज़नाब'
मै तकलीफ़ों का संसार देख के आया हूँ!-
अपने हर गम वो इस कदर दफन कर लेती है
मै हाल जो पूछुं उसका, तो बस मुस्कुरा देती है'
ना जाने कोनसा ऐसा मंज़र देखा है! उसने
वरना इस उम्र में सच्ची मोहोब्बत तो कमाल कर देती है!-
मै अपने वज़ह से आप के चेहरे पे उदासी नहीं देख सकता
ख़ामोश हो जाऊं' ये भी ठीक है
पर आपकी खामोशी नही देख सकता
सब कुछ हार के भी ख़ुशी जाहिर कर दूँ दो पल की
पर आप के चेहरे पे मायूसी नही देख सकता-
फ़रेब की मिट्टी पर एक प्यार का बीज लगा के लौट आया हूँ
तू देख या न देख तेरे पलको पे अपने ख्वाब सजा के लौट आया हूँ-