एक था राजा एक थी रानी,
क्ष से क्षत्रिय, ज्ञ से ज्ञानी...!!!
...✍️-
wish me on 5th July 🎂🙈
यह लो बंसरी
तेरे पिया का खत आया है,
जरा संभलकर खोलना
उन्होंने अपना दिल भी भिजवाया है...!!!
...✍️-
आपको कितनी बार बोला है, अमर जी
सब्जी के साथ फ्री धनिया लाया करो,
लेकिन आज तो आप सब्जी भी लेकर नहीं आये हो...!!!
🤣😆🤭-
काश...
थाली चाटते वक्त वो मेरे हाथ से ना गिरी होती
तो आज मैं नहीं पकड़ा जाता...!!!
😜🤭😅-
अरे भाभी सा
मैं नहीं था
मैं तो अपनी भैंस 🐂 को घास डालने गया था...!!!
😂🤭😜-
आज मेरे भैया के मन में एक ख्याल आया है,
क्यों ना आज सब्जी में तड़का मेरे द्वारा लगाया जाए...!!!
😜🤭😊-
मोहतरमा सोच रही है...
आज कोई मेरी गली से गुजरे
तो मैं उसे कंकड़ मारूं...!!!
🤭😜-
मैं ढीला ढाला पजामा सा
तुम उसका नाड़ा हो क्या,
मैं तुम्हें भूल नहीं पा रहा हूं
तुम दो का पहाड़ा हो क्या...!!!
...✍️-
कमाया जिस शान से
उड़ाया भी उसी शान से,
क्योंकि नोटों की गड्डी पर तो
किश्त वालों ने कभी रबर बांधने ही नहीं दिया...!!!
...✍️-