Usha Pandey   (© usha pandey)
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इश्क़ है आपसे तभी तो
कलम इश्क़ लिखती है
Joined 1 October 2018


इश्क़ है आपसे तभी तो
कलम इश्क़ लिखती है
Joined 1 October 2018
6 OCT 2020 AT 19:01

वो छनकती पायल भी उसकी घायल कर जाती है

उस मासूम सी हंसी की तो बात ही और है

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5 OCT 2020 AT 21:03

मैं धड़कता दिल लिए चला तुम्हारी ओर
तुम धड़कन बन तोड़ गए हृदय की डोर

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2 OCT 2020 AT 11:52

गर बेटा हाथ से निकल रहा हो घर के थोड़े काम करा लो
सिखला कर उड़ना बेटी को थोड़ा और सम्मान कमा लो

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1 OCT 2020 AT 19:55

खुद को भूल मोमबत्तियां जलाने लगे लोग,
जो मोम की थी उसे ही तड़पाने लगे लोग।

बुझ भी गई उसकी लौ तो क्या गम था,
क्यों उस बुझी हुई लौ को जलाने लगे लोग।

वो लड़ती रही हर रोज़ अपने वजूद के लिए,
क्यों उस वजूद को इक रोज़ चीर जाने लगे लोग।

और वो हंसती भी थी खुद को बहलाने के लिए,
क्यों उस हंसी को बेझिझक मिटाने लगे लोग।

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30 SEP 2020 AT 17:33

वो नन्हीं चिड़िया उड़ जाती
क्यों पर तुमने उसके काट दिए
उन पंखों के टुकड़े तुमने
आपस में क्यों बांट लिए

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30 SEP 2020 AT 15:30

तुम जलाते रहो हर बार कैंडल्स
उन्होंने अपने संस्कार जला दिए हैं

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24 SEP 2020 AT 19:43

ये नज़रें जरा सी झुकी थी तुम्हारे इश्क़ में
तुमने कमजोरी समझ गुरुर भी कर लिया

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23 SEP 2020 AT 17:10

नज़ाकत हमारे भी लबों पर थिरकती होती
तुम इज़हार-ए-मोहब्बत करके तो देखते

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22 SEP 2020 AT 16:08

प्रेम में स्वाभिमान छूट जाता है,
प्रेम से अभिमान टूट जाता है।
प्रेम की शक्ति वो भक्ति है,
जिससे पत्थर भी भगवान हो जाता है।

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19 SEP 2020 AT 15:50

मौन ने जब गुना रूप इठला गया
प्रीत की चाह में जिस्म ठुकरा गया

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