तुम्हारी बेरुखी
तुम्हारा कड़वापन
सब निगल गया---
मेरी चहक, मेरी उमंग, मेरा अल्हड़पन😊-
उर्मिल सुकून की खोज
(उर्मी)
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इस जहां से उस जहां तक
Joined 6 March 2018
10 NOV 2022 AT 10:30
22 APR 2022 AT 20:59
घर से सब आईने हटा दिए मैंने
तेरे दिए ज़ख्मों के निशान देखे नही जाते अब-
20 MAR 2022 AT 10:55
लाल रंग से भरी मेरी मांग..
मेरी ज़िन्दगी को काली कर गयी..😔-
17 MAR 2022 AT 23:23
भावनाएँ
जब पीड़ित होती हैं,
शब्दों के चुनाव …..वक़्त नहीं लेते
टीस की स्याही …….उन्हें बस,
लिखती चली जाती है-
4 JAN 2021 AT 8:39
न खोल मकान के मेरे उदास दरवाजे
हवा का शोर मेरी उलझने बढ़ा देते हैं☺👌👍-
18 JAN 2022 AT 10:50
सलूक उसने मुझ से किसी सिगरेट जैसा
किया‚
पहले जलाया फिर पीया‚पाँव रखा
बुझा दिया
बस तलब थी उसको मेरी कुछ वकत के
लिये‚पहले जलाया होठों से ओर फिर धुऐं मे
उड़ा दिया
और मेरी जलती हुई राख को अपनी
उंगलियों से गिरा दिया.....-
11 DEC 2021 AT 21:42
कहीं
खो गया है
मेरे हिस्से का सारा प्रेम
और पंक्तियाँ
अब मैं
ख़ाली और उदास पन्ना हूँ😔.-
11 DEC 2021 AT 20:41
10 DEC 2021 AT 23:08
सब से खतरनाक एहसास...😢
कोई आपको हर-एक से छीन कर अपना बना ले...फिर अकेला छोड़ दे..... 💔-