"आदत नहीं मेरी अपनी तकलीफें बयां करने की.. तुम्हे मालूम है.. कब चुप हो जाती हूँ मैं.. तुम्हे पता है.. कितनी छोटी-छोटी बातों से खुश हो जाती हूँ मैं.. बस तुमने कोशिश ही नहीं करी मुझे समझने की.. वरना कोई maths का कठीन सवाल नहीं थी.. आसानी से हल हो जाती मैं...
"जरूरी नहीं बेबसी में गलतफहमी पाल लो. जो मिले समन्दर उसी को खंगाल लो.. लोग आते जाते रहेंगे बहुत से ज़िन्दगी में.. पहचान कर उसमें से कोई हीरा💎 निकाल लो..।"