दिल को पसंद आए तुम ये इत्तेफाक था हमारा
दिल ठहर गया तुम्हारे लिए ये मुकद्दर था मेरा-
12 JUN 2024 AT 10:16
23 MAY 2024 AT 11:05
मैं चाहती हूं दिल के दरारों में
झाँक कर देखे तू
अन्दर कुछ नहीं बचा जब से
तू चला गया-
7 FEB 2024 AT 15:43
मैंने तुम्हें परतों में याद किया है
शर्तों पे भुलाना मुश्किल होगा
..-
12 JAN 2024 AT 10:22
मैं अगर झूठ लिखूं तो तुम्हें भुला दिया कब का
मैं ग़र सच लिखूं तो बस तुम्हें भूल नहीं सकते-
10 JAN 2024 AT 13:46
नाम चाहो तो शाकि रख दो या फिर चाहो काजी रख दो
इबादत में सर सदियों से झुका है
तुम चाहो तो मुझे इश्क में मीरा लिख दो-
8 JAN 2024 AT 6:27
तुम आओ तो चांद सूरज सब आते हैं
मेरे आँगन में
तुम जाओ तो साँसों का
इख्तियार तक चला जाता है-
7 JAN 2024 AT 10:27
गर्दिश के सितारे भी सारे ताक में थे उसके
वो जो आया नहीं अभी तक
वो जो आने वाला था-
6 JAN 2024 AT 6:25
तुम आना तो बहारें अपने साथ लेकर आना
मेरे दहलीज से सावन मैंने कई बार लौटाया है
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