आशाओं से घिरे जगत की
सब ने सुनी कहानी है
बलिदान हुए जो इस धरती पर
हमें उनकी गाथा गानी है
रज सा उठता ,दम भरता है
साहस करता , फिर चलता है
वीरों की यही निशानी है
बलिदान हुए जो इस धरती पर
हमें उनकी गाथा गानी है
मग जलता है पग जलता है
खुद जलता , तब तम छंटता है
ये वही अमर बलिदानी है
बलिदान हुए जो इस धरती पर
हमें उनकी गाथा गानी है
आशा त्यागी, सपने त्यागे
जितने थे सब अपने त्यागे
त्याग की इस मूरत ने
बस त्याग की भाषा जानी है
बलिदान हुए जो इस धरती पर
हमें उनकी गाथा गानी है
Upasana Vishwakarma
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