Love is not about looking something as perfect But knowing something is not and loving it more with all its flaws!
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ऐ दिल सुना है तू आज कल अजनबी हो चला है
तूने मेरा सीना छोड़ एक नया आशियाना बनाया है
क्या मेहफ़ूज़ महसूस करते हो वहां
ख़ैर... करते ही होंगे
तभी तो फूलों की वादियां छोड़
काँटों को गले से लगाया है
हिफाज़त करेंगे वह तुम्हारी
हमने तो बस तुम्हे नाज़ो से सहलाया है
अच्छा अब जब चल ही दिए हो तुम
तो सुनो अपने वादे लेते जाओ
टूटे हुए वह अच्छे नहीं लगते
अब जा रहे हो तो
वह सारे एहसास लेते जाओ
जो तुम्हारे होने से होते थे
मेरी धड़कनो को भी लेते जाओ जो तुम मे बसती थी
अपने उस पहले एहसास को मिटाते जाओ
जब पहली दफा तुमने छुया था
जिसे लाखों दफा मेने जिया था
उन सारी उम्मीदों को, सपनो को भी ज़हर थोड़ा देते जाओ
जिन्हे हमने साथ, जगती आँखों से देखा था
अब अगर जा रहे हो
तो लौट कर ना आना
किसी और के घर को ऐसे ना तरसाना
हमें तो आ गया है मर के जीन
किसी और को मरते ना छोड़ जाना
अब तुम कभी ना आना
हाँ सही सुना तुमने
अब तुम कभी ना आना
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She is rain;
He is sunshine;
Their love has the magic of rainbow!-
दिल के टुकड़ों को पन्नों पर सजाया है
तुम्हारे जाने से, देखो कैसा हूनर पाया है-
𝑰 𝒘𝒂𝒏𝒕 𝒕𝒐 𝒈𝒓𝒐𝒘 𝒖𝒑 𝒊𝒏 𝒔𝒖𝒄𝒉 𝒂 𝒎𝒂𝒏𝒏𝒆𝒓 𝒕𝒉𝒂𝒕 after travelling from different roads of life, watching trench and sky;
𝑨𝒕 60𝒔, 𝑰'𝒅 𝒓𝒆𝒂𝒅 𝒇𝒂𝒊𝒓𝒚𝒕𝒂𝒍𝒆𝒔 𝒂𝒏𝒅 𝒘𝒂𝒕𝒄𝒉 𝒄𝒂𝒓𝒕𝒐𝒐𝒏𝒔 𝒂𝒈𝒂𝒊𝒏!-
I often question my existence
The quest increases with star studed sky
I live in malancholy of lost angels
And my heart beats for the demon
The flower in my garden cries for mizzle
deserted thorn gets all the deluge
My heart gets draughted
With every droping tear
I lost my existence before quietus
The quest grows bigger
With more darker day
Moon getting brighter
While sun shading tears
I skipped those streets, I never traveled
Still questioning my existence
That never ever mattered...-
मुझे बस एक रास्ता चाहिए
जँहा तू मुझे मिल जाये
मुझे बस वो पता चाहिए-
वो झोंका हवा का
मेरे कमरे तक आता नहीं
नराज़गी रहती है शायद उसको कोई
तभी कभी करीब से गुज़रता नहीं
हवा का झोंका है वो
रोका भी उसको जा सकता नहीं
एक बार आये अगर
तो ना जाने क्या में कर जाऊं
उसे अपनी साँसों मे भर लूँ
या किसी डायरी के पन्नों मे समेट लूँ
या अपनी खुली ज़ुल्फ़ों मे संजो लूँ
और फिर कभी ना खोलूँ
या किसी नापाक शीशी मे
इत्र की तरह कैद कर लूँ
फिर हर रोज़ ओढू उसे
और दुनिया से मेहफ़ूज़ रखूँ
वो आये अगर एक बार
सारे खिड़की दरवाज़े बंद कर लूँ
और
कमरे के किसी कोने मे बैठ
बस उसे महसूस करू
बस उसे महसूस करू...
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