UPASANA MISHRA   (Sana)
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Joined 21 June 2017


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25 JAN 2021 AT 8:40

मुलाकात चांद सी थी,
सुबह होते ही ढल गई

और हम कमबख्त
फासलों में घर बना बैठे ।

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24 JAN 2021 AT 20:47

इस चमक धमक वाली दुनिया में
हम किसी किताब के पन्ने की सादगी की तरह
खो से गए हैं ।

मिल जाए कभी हवाओं में
किसी बेनाम कहानी से लिखे
तो बताना ।

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7 APR 2020 AT 9:01

उस शायराना चांद से
इतना भी लगाव ना रखिए जनाब

के यह नई सी सुबह भी
उससे जलने लगे ।

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22 MAR 2020 AT 22:01

सोचती हूं अक्सर,
उस दिन उस बेतुकी सी मन्नत को
बहला फुसला कर चुप करा दिया होता,
तोह आज एक कब्र काम खुदती,
एक ख्वाहिश कम दफन होती ।

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19 MAR 2020 AT 19:26

Fear is deadlier than the Virus.

[Caption]

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13 FEB 2020 AT 18:12

घर का वह कोना
कुछ प्यारा सा होता है ना ?

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21 DEC 2019 AT 12:19

दीवारें दिखती सभी को है,
इस दिल के चारों तरफ,

कभी खिड़कियां भी ढूंढ लेते
तो क्या बात होती ।

दरवाज़ा खुलने का इंतजार
सभी को है,

कभी खिड़कियों से झांक के
हाल पूछ लेते

तो क्या बात होती ।

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14 DEC 2019 AT 12:00

हम जलते रहे,
ख्वाब पे ख्वाब खतम होते रहे,
अंदर ही अंदर घुटते रहे,
मदहोश यह दिल को बहलाता रहे ।

इस धुएं से जूझना सीख रहे हैं अब,

जीना छोड़,
हम ज़िन्दगी सिर्फ गुज़ार रहे हैं अब ।

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9 DEC 2019 AT 12:30

अजी प्यार अगर
आपकी खूबियों से होता,

आपकी खामियां
हमे यूं ना भाती ।

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28 NOV 2019 AT 19:05

रात की चादर ओढ़े
आज फिर सुला दिया
इस दिल को ।

कमबख्त जाने कब समझेगा
के तुम इसके प्यार से

वाकिफ भी नहीं ।

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