जिस नज़ाकत से लहरें पैरों को छूने आती हैं...
यकीन नहीं होता इन्होंने कभी कश्तियाँ डूबाई होंगी...
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Upasana Gautam
(Upasana)
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Joined 9 June 2020
15 SEP 2021 AT 10:53
5 SEP 2021 AT 19:15
किसी इंसान के लिए हम बच्चों की तरह रोए
ये बात ताउम्र याद रहेगी...-
28 AUG 2021 AT 23:13
कागा सब तन खाइयो, चुन - चुन खइयो मास
दो नैना मत खाइयो, जिन पिया मिलन की आस
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13 AUG 2021 AT 19:54
एक समय बाद सब काम होने लगता है
प्यार भी
एहसास भी
फिक्र भी
कद्र भी और अपनापन भी-
9 AUG 2021 AT 0:00
बड़ी उलझी है ये जिंदगी, आजकल कुछ समझ नहीं आता
नींद में ख़्वाब हैं या ख़्वाब में नींद
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27 JUL 2021 AT 12:08
यदि आप किसी को वास्तव में प्रेम करते हैं,,
तो उसे अपने सामने रोने की सहजता दीजिये-
10 JUL 2021 AT 20:55
आज प्रेम ने मुझे उस प्रकार दुत्कार कर भगा दिया
जैसे थानेदार भगा देता है रपट लिखाने आये गरीब को-