Upasana   (Upashna)
49 Followers · 5 Following

Keep visiting my profile
Like comment share and follow me
Invite me for collaboration
Joined 4 December 2018


Keep visiting my profile
Like comment share and follow me
Invite me for collaboration
Joined 4 December 2018
23 MAR 2024 AT 21:01

एक टपकती सवाली शाम को
वो अफ़ीम कर रही थी
कुछ इस तरह मेरी जाम को
वो तौहीन कर रही थी
वो नाचती थी सामने मेरे
मैं, खुदको अनारकली मुझे सलीम कर रही थी

-


15 OCT 2023 AT 7:44

ସବୁ ଦିନ ପରି ଆଜି ଯେତେବେଳେ ପ୍ରାତଃ ଭ୍ରମଣ ରେ ବାହାରିଲି, ଦଳେ ମଇଁଷି ଘାସ ଚରିବାକୁ ଯାଉଥିଲେ। ସେଥି ମଧ୍ୟରେ କିଛି ମା ମଇଁଷି ଏବଂ ତାଙ୍କ ଛୁଆ ମଧ୍ୟ ଥିଲେ। ଆଜି କାଲି ତ ଗାଈ, ମଇଁଷି କମ୍, ବିଲାତି କୁକୁର, ବିଲେଇ ଧରିକି ବୁଲୁଥିବାର ବେଶି ଦେଖା ଯାଉଛି। ଏତେ ଦିନ ପରେ ମଇଁଷି ଙ୍କ ବେକରେ ବନ୍ଧା ହେଇଥିବା ବାଉଁଶ ତିଆରି ଘଣ୍ଟି ଶବ୍ଦ ଶୁଣି ଯେତିକି ଖୁସି ଲାଗିଲା ସେଥିରେ ଥିବା ଛୁଆ ମଇଁଷି କୁ ଦେଖିକି ଢେର୍ ଦୁଃଖ ମଧ୍ୟ ଲଗିଲା। କାରଣ ଜାଣିଲେ, ଆପଣ କ୍ଷୁବ୍ଧ ହେବେ। ଛୁଆ ମଇଁଷି କାଳେ କ୍ଷୀର କିମ୍ବା ଘାସ ଖାଇଦବ ତା ମୁହଁ ରେ ପ୍ଲାଷ୍ଟିକ ମଗ ବାନ୍ଧି ଦିଆଯାଇଛି। ଖାଦ୍ୟ ତ ଦୁର କଥା ନିଃଶ୍ୱାସ ନେବା ରେ ମଧ୍ୟ ଅଙ୍କୁଶ ଲଗାଯାଇଛି। ଗାଁ ଗହଳିରେ ରେ ଗାଈ ମଇଁଷି ଙ୍କ ମୁଁହ ରେ ତୁଣ୍ଡି ବାନ୍ଧନ୍ତି, ବୋଧେ ସହରାଞ୍ଚଳ ରେ କିଛି ଅଲଗା ଯତ୍ନ ନିଅନ୍ତି। କରୋନା ପାଇଁ ମାସ୍କ ବ୍ୟବହାର କରିବାକୁ କେତେ କଷ୍ଟ ଲାଗୁଥିଲା, ପଶୁ ମାନଙ୍କ ମୁଁହ ରେ ପ୍ଲାଷ୍ଟିକ ମଗ୍ କଷ୍ଟ ଦଉନି? ମଣିଷ ର କାର୍ଯ୍ୟକଳାପ ପାଇଁ ପଶୁ ମାନେ ମଧ୍ଯ ବିଷାଦଗ୍ରସ୍ଥ ହଉଛନ୍ତି। ଅଥଚ, ମଣିଷ ର ବିଷାଦଗ୍ରସ୍ଥ ହେବା ଟା ବେଶ୍ ଚର୍ଚ୍ଚା ରେ।

-


13 JUL 2023 AT 9:13

इश्क़ कितना हुआ और कितना बाकी हैं
ये हिसाब में मेरा इश्क तुझसे और भी बाकी हैं।
मोहल्ले के लोग ऊब गए हैं,
मगर तेरे तारीफ़ में, बात अभी बाकी हैं।
आज, कल और परसों कितने दिन साथ गुजारे हैं,
जिंदगी गुजारने के लिए, अब भी तेरा साथ बाकी हैं।

-


11 JUL 2023 AT 9:08

आज बादल आसमान से गुज़र रहे थे
शायद उनको भेजे तुम थे
बरस गए गुलाब की तरह,
शायद भेजे तुम थे
हवा चली मीठी वाली,
शायद उनमें गुलाल घोले तुम थे
बताओ कोई क्या होता हैं आसमान पे चांद दो
दुसरा शायद तुम थे।

-


11 JUL 2023 AT 9:01

"शिव" एक व्यक्ति हैं



-


9 JUL 2023 AT 19:04

"मैं" से बाहर निकल कर "तुम" से सिमट जाना
"तुम" से हो के लौटी तो फ़िर "मैं" बिखर गई।

-


9 JUL 2023 AT 15:22

तमाम हकीमों से पूछना हैं मुझे
हैं क्या दवा कोई यादें मिटाने की
और एक सवाल वकीलों से भी हैं मुझे
हैं क्या सज़ा कोई दिल लुटाने की
यूं तो बेतालुक रहती हूं तेरे यादों से में
लेकिन परेशानी हैं मुझे शक्त यादाश की
आज भी गुजरती हूं जब उनकी गलियों से
झांक लेती हूं एक नज़र मिल जाने की

-


7 JUL 2023 AT 7:25

बेनाम ख्वाइशों को अगर नाम दे दिया जाए
तो बदनाम हो जायेंगे।

-


1 JUL 2023 AT 7:39

अयोध्या, 1992
_____________

~ कुँवर नारायण
_____________

-


6 JUN 2023 AT 21:06

'यौवन प्रसन्न है, क्योंकि उसमें सौन्दर्य को देखने की क्षमता है। जिस किसी में सौन्दर्य को देखने की योग्यता है, वह कभी वृद्ध नहीं होता।'

~ अनुबाद

-


Fetching Upasana Quotes