मुझे जीने के लिए तेरा एहसास चाहिए
हर शाम इक छोटी सी मुलाकात चाहिए,
दे दूंगा तुम्हें दिल का हर इक हिस्सा
बस बदले में तेरा ताउम्र साथ चाहिए...
❣️-
एक इश्क उम्र भर निभाया नहीं गया
छोड़ रहा था साथ मुझसे मनाया नहीं गया,
एक बार उसे हमने जी भर कर जो देखा
फिर कोई और निगाहों में बसाया नहीं गया,
पलकें उसके ख्वाब जो सजाने लगे,
फिर दिल में किसी और को बसाया नहीं गया,
बेरंग है जिंदगी आज भी उसके बगैर,
फिर महफिलों को हमसे सजाया नहीं गया-
जो कह ना सके, वो आज लिख दूं,
या दिल में जो है, वो राज लिख दूं
टूटे हुए सपनों का, आगाज लिख दूं
या अधूरे ख्वाबों का, अंजाम लिख दूं
जो साथ रहे, उनका नाम लिख दूं
या जो छोड़ गये, उनके खिलाफ लिख दूं
जो दर्द दिया, उसे बेहिसाब लिख दूं
या जो छुपा लिया, उसे बोझिल ख्वाब लिख दूं
हकीकत ऐसे कहूँ, कि दिल के पार लिख दूं
कहो तो दो पक्तियों में, मैं जीवन का सार लिख दूं-
तो वापस आये ही क्यों
जो वापस आये तो ठीक
लेकिन मेरा इश्क जगाए क्यों
मैं तो जी रहा था सुकून से
मेरे सुकून में उलफत की आग लगाये क्यों-
बहुत कुछ खो चुके हैं
अब और खोना नहीं चाहते,
बहुत रो लिए तेरी यादों में
अब और रोना नहीं चाहते,
दे चुके हैं अपनी वफा़ का इम्तिहान
अब और वफा़ का इम्तिहान देना नहीं चाहते-
अक्टूबर इंतजार में गुजार देंगे,
नवंबर में जो ना मिली तू
दिसम्बर में तुझे भुला देंगे...-
उसने जीवन बना लिया
जिसने मन को मना लिया
उसने लक्ष्यों को साध लिया
जिसने मन को मना लिया
उसने हर मंजिल को पा लिया-
किसी और का था
मैं अपना समझ बैठा
पर था वो मेरा वहम
जिसे मैं अपना समझ बैठा-
सितम किस बात का
इश्क खुद में एक सजा है
तो इश्क पर यकीं किस बात का-